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नेशनल हेराल्ड केस: भाजपा के बागी ने 13 साल पहले दर्ज कराई थी पहली FIR, जानिए क्या है पूरा मामला?

National Herald Case News: कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड मामले में नई FIR से पुराना केस फिर से सामने आ गया है। चलिए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और यह कैसे पहली बार प्रकाश में आया?

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Dec 02, 2025 | 08:03 PM

सोनिया गांधी, राहुल गांधी व सुब्रमण्यम स्वामी (कॉन्सेप्ट फोटो- डिजाइन)

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National Herald Case: कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के खिलाफ पुराना केस फिर से सामने आ गया है। जिसके चलते इसके आरोपी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच इस मुद्दे पर कांग्रेस का दावा है कि यह केस एक पॉलिटिकल साजिश के तहत बनाया जा रहा है और जांच एजेंसियां भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं, जबकि बीजेपी का दावा है कि यह कांग्रेस की फ्रस्ट्रेशन दिखाता है।

प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के आधार पर इस मामले में नई FIR दर्ज की गई है। जिसके बाद कांग्रेस नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि यह एक ऐसा केस है जिसमें कोई फाइनेंशियल या रियल एस्टेट ट्रांज़ैक्शन नहीं हुआ है। इसके बावजूद ED को इस केस में “मनी लॉन्ड्रिंग” दिख रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि अगर बदला लेना ही सिलेबस होता, तो भाजपा ऑनर्स के साथ ग्रेजुएट होती। आइए आपको बताते हैं कि नेशनल हेराल्ड केस क्या है? और सुब्रमण्यम स्वामी कौन हैं, जिन्होंने इस मामले में पहली एफआईआर दर्ज कराई थी?

आखिर क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड असल में पंडित नेहरू का शुरू किया हुआ एक अखबार था, जिसे 1938 में शुरू किया गया था। आज़ादी से पहले लोगों को जानकारी देने के लिए अखबार छापने के लिए एक कंपनी बनाई गई थी। इस कंपनी का नाम एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) था। यह मीडिया कंपनी 1937 में शुरू हुई थी, जिसने इंग्लिश में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज़ शुरू की थी।

पंडित नेहरू ने नेशनल हेराल्ड शुरू किया था, लेकिन खराब फाइनेंशियल हालत की वजह से, नेशनल हेराल्ड 2008 में बंद हो गया, जिससे AJL पर 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज़ हो गया। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड एक पब्लिक कंपनी थी, कोई इंडिविजुअल कंपनी नहीं। उस समय नेशनल हेराल्ड के पास 2 हजार करोड़ के एसेट्स थे, जिनकी कीमत अभी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के मुताबिक 5 हजार करोड़ है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने दर्ज कराई FIR

नवंबर 2012 में BJP लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के दूसरे सीनियर लीडर्स ने धोखे से AJL पर कब्ज़ा कर लिया है। सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि कांग्रेस नेताओं ने 2 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी ज़ब्त कर ली। स्वामी का यह भी आरोप है कि AJL इन प्रॉपर्टी का इस्तेमाल कमर्शियल कामों के लिए कर रही थी।

50 लाख में बेची 2 हजार करोड़ की संपत्ति!

दूसरे शब्दों में AJL को कथित तौर पर लाखों रुपये का किराया मिल रहा था। स्वामी का यह भी आरोप है कि AJL को अखबार चलाने के लिए 90.25 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था, जिसे कभी चुकाया नहीं गया और सारी प्रॉपर्टी कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये में एक प्राइवेट कंपनी, यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी गईं। स्वामी का दावा है कि यह पूरा प्रोसेस एक शेल कंपनी के ज़रिए पूरा किया गया।

कौन हैं बागी सुब्रमण्यम स्वामी?

सुब्रमण्यम स्वामी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने सोनिया गांधी पर कई आरोप लगाए हैं और अक्सर विवादित पर्सनल कमेंट किए हैं। हालांकि, स्वामी के सोनिया गांधी के साथ रिश्ते शुरू से ही इतने अच्छे नहीं रहे हैं। जब स्वामी राजनीति में आए तो उनके रिश्ते नॉर्मल थे। समय के साथ चीज़ें बदलीं और सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी पर तीखे हमले शुरू कर दिए, यहां तक कि नेशनल हेराल्ड केस में उनके खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई।

यह भी पढ़ें: 50 लाख में 2000 करोड़ की संपत्ति! नेशनल हेराल्ड केस में ED की चार्जशीट पर सुनवाई

सुब्रमण्यम स्वामी एक जाने-माने अर्थशास्त्री और राजनेता हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से PhD करने के बाद, उन्होंने वहां एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर काम किया। इसके बाद उन्होंने IIT दिल्ली में प्रोफेसर के तौर पर भी काम किया। हालांकि, इंदिरा गांधी के साथ विवाद के बाद उन्हें IIT दिल्ली से निकाल दिया गया।

भाजपा के साथ भी रिश्तों में तल्खी

उन्होंने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी और उन्हें वापस नौकरी पर रख लिया गया। 1991 में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने IIT से इस्तीफा दे दिया। स्वामी ने जनसंघ की ओर से राज्यसभा में भी काम किया। उन्होंने अपनी जनता पार्टी का BJP में विलय कर दिया। हालांकि वर्तमान में उनके रिश्ते भाजपा के साथ भी सही नहीं हैं। उन्हें भाजपा के बागी के तौर पर देखा जाता है।

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Published On: Dec 02, 2025 | 08:03 PM

Topics:  

  • Enforcement Directorate
  • National Herald Case
  • Rahul Gandhi
  • Sonia Gandhi
  • Subramanian Swamy

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