कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है। देशभर में शुरू होने वाली जनगणना के साथ ही यह डेटा भी जुटाया जाएगा। इसके तहत जनगणना फॉर्म में ही जाति के लिए एक कॉलम होगा। इसके आधार पर यह जानकारी जुटाई जाएगी कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं।
राहुल गांधी, अखिलेश यादव जैसे नेता लगातार जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं ताकि संसाधनों के बंटवारे, आरक्षण और लाभों के लिए नीतियां बनाने में मदद मिल सके। राहुल गांधी कई बार कहते रहे हैं कि अगर हम सत्ता में आए तो जाति जनगणना कराएंगे और आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को तोड़ देंगे।
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी ने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के हाथ से बड़ा मुद्दा छीन लिया है। इसके साथ ही सियासी विश्लेषकों का एक धड़ा यह भी कह रहा है कि विपक्षी दल इसका क्रेडिट लेकर अपने पक्ष में भी भुना सकते हैं। वह यह कहेंगे कि देखो सरकार ने वही किया जिसकी मांग हम लंबे अरसे से कर रहे थे।
जाति जनगणना को विपक्ष मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ ब्रह्मास्त्र की तरह इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन बिहार चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा दांव खेल दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष इस पर क्या कुछ रुख अपनाता है!
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से जाति जनगणना का विरोध करती रही है। दिवंगत पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2010 में संसद में कहा था कि इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ, इसके बजाय सिर्फ सर्वे कराया गया।
इसके बाद भी इंडी अलायंस के नेताओं ने जाति जनगणना के विषय को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने जातियों की गणना की है, लेकिन यह केंद्रीय सूची का मामला है। कई राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है, लेकिन कई प्रांतों में यह काम अप्रमाणिक तरीके से हुआ है।
दरअसल, उनका इशारा कर्नाटक में हुई जाति जनगणना की ओर था, जो वहां विवाद का विषय बन गई है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसके अलावा बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी फैसलों की जानकारी दी।
शिलांग से सिलचर तक हाई-स्पीड कॉरिडोर हाईवे बनाया जाएगा। 22 हजार करोड़ रुपये की यह परियोजना 166.8 किलोमीटर लंबी होगी। इससे असम को मेघालय से सीधे जोड़ना आसान हो जाएगा। इससे पूर्वोत्तर राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों में रणनीतिक बढ़त भी मिलेगी।
कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पूर्वोत्तर के लिए यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कॉरिडोर होगा। गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल होगा। उन्होंने कहा कि आज गन्ने का उत्पादन 173 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह लागत से दोगुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
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इसके अलावा उन्होंने आज कैबिनेट की बैठक की और राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की भी बैठक की। इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी ने आर्थिक मामलों की समिति की बैठक भी बुलाई। इस तरह पाकिस्तान की ओर से पहलगाम हमले को लेकर तनाव के बीच पीएम मोदी ने एक ही दिन में 4 बैठकें कीं। ये सभी बैठकें पीएम नरेंद्र मोदी के लोक कल्याण मार्ग स्थित आधिकारिक आवास पर हुईं।