कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) ने लोगों की शिकायतें सुनना ही बंद कर दिया है। उन्होंने ये बात राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात के बाद राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव हिंसा पर ‘केवल खेद व्यक्त किया’, जबकि कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ममता जी, केवल अफसोस करने से काम नहीं चलेगा। कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। आपके प्रशासन और पुलिस ने लोगों की शिकायतें सुनना बंद कर दिया है। क्या गरीबों की जिंदगी आपके लिए कोई मायने नहीं रखती।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की ‘छिटपुट’ घटनाओं में लोगों की मौत से वह दुखी हैं।
भाजपा के केंद्रीय नेताओं के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए प्रसाद ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता सत्यपाल सिंह, राजदीप रॉय और रेखा वर्मा भी शामिल हैं। इन सभी ने दक्षिण 24 परगना जिले में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और घायलों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
बसंती में प्रभावित लोगों से मुलाकात के बाद प्रसाद ने कहा, ‘‘घरों में तोड़फोड़ की गई है। जीत के बावजूद हमारे कई उम्मीदवारों और उनके परिवार के सदस्यों को घरों से भागना पड़ा, लेकिन कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई। यह स्थिति अस्वीकार्य है। इसको लेकर हम ममता जी से जवाब मांगते हैं।”
उन्होंने कहा कि हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि डायमंड हार्बर में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे का कार्यक्रम है और उम्मीद है कि टीम को रास्ते में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा रोका नहीं जाएगा’। कोलकाता में बुधवार को पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले के हिंगलगंज और संदेशखाली में प्रभावित इलाकों का भी दौरा किया था। वहीं, वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘तथ्यान्वेषी टीम’ में राज्यपाल को भी शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘2000 के दशक की शुरुआत में हुए पंचायत चुनावों के बाद मरने वालों की संख्या काफी अधिक थी। हमें याद नहीं है कि उस समय भी किसी तथ्यान्वेषी टीम ने राज्य का दौरा किया था।” राज्य में शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 15 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि मतगणना के दिन बुधवार को तीन और लोगों की हत्या कर दी गई।
पिछले माह चुनाव की घोषणा होने के बाद से अब तक हिंसा में कम से कम 33 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 60 प्रतिशत लोग सत्तारूढ़ पार्टी से हैं। ग्राम पंचायत की 74,000 सीटों पर आठ जुलाई को मतदान हुआ था। इसके अलावा 9,730 सीटें पंचायत समिति और 928 जिला परिषद की हैं।