नई दिल्ली/माले. मालदीव (Maldives) के उप मंत्री हसन जिहान (Hassan Zihan) ने स्थानीय मीडिया के एक ट्वीट का हवाला देते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर अन्य मंत्रियों के साथ उन्हें निलंबित करने की रिपोर्ट का खंडन किया और इसे ‘फर्जी खबर’ बताया।
दरअसल, स्थानीय मीडिया ‘अधाधू’ ने एक शीर्ष सरकारी सूत्र का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी थी कि पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के लिए तीन उप मंत्रियों मरियम शिउना, मालशा शरीफ और हसन जिहान को प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए निलंबित कर दिया गया है।हालांकि, बाद में मीडिया हाउस ने रिपोर्ट को अपडेट करते हुए कहा कि निलंबित किए गए तीसरे मंत्री महज़ूम माजिद है।
इससे पहले दिन में, अधिकांश भारतीय मीडिया संस्थानों ने भी बताया कि निलंबित तीन मंत्रियों में हसन जिहान भी शामिल थे। हालांकि, अब यह पुष्टि हो गई है कि मरियम शिउना और मालशा शरीफ के साथ निलंबित होने वाले तीसरे मंत्री महज़ूम माजिद हैं।
Fake news https://t.co/8w6ZPZ6mwc — Hassan Zihan (@0xZihan) January 7, 2024
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप का दौरा किया था। वह कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए दो और तीन जनवरी को लक्षद्वीप में थे। मोदी ने लक्षद्वीप द्वीप समूह की अपनी यात्रा के दौरान समुद्र के नीचे के जीवन का पता लगाने के लिए ‘स्नॉर्कलिंग’ का लुत्फ उठाया। मोदी ने ‘एक्स’ पर समुद्र के नीचे का जीवन पता लगाने संबंधी तस्वीरें पोस्ट कीं और अरब सागर में स्थित द्वीपों में प्रवास के अपने ‘उत्साहजनक अनुभव’ को साझा किया। उन्होंने लिखा, “जो लोग रोमांचकारी अनुभव लेना चाहते हैं, लक्षद्वीप उनकी सूची में जरूर होना चाहिए। मेरे प्रवास के दौरान, मैंने स्नॉर्कलिंग की भी कोशिश की। यह कितना उत्साहजनक अनुभव था!’
पीएम मोदी के इस पोस्ट को लेकर मालदीव के मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणियां की। मालदीव के राजनेता और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के परिषद सदस्य जाहिद रमीज ने पीएम मोदी की यात्रा का मजाक उड़ाया और कहा कि पर्यटन के संबंध में मालदीव से भारत कभी भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएगा। रमीज़ ने कहा, “यह कदम (लक्षद्वीप को बढ़ावा देना) बहुत अच्छा है। हालांकि, हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करने का विचार भ्रामक है। हम जो सेवा प्रदान करते हैं वह वे कैसे प्रदान कर सकते हैं?”
रमीज के अलावा मालदीव की मंत्री मरियम शिउना ने भी पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने एक्स पर अपना पोस्ट हटा दिया है। चीन समर्थक नेता मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली मालदीव सरकार ने रविवार को उनके मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया। मालदीव सरकार ने एक बयान में कहा, “राय व्यक्तिगत हैं और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।”
बयान में कहा गया, “सरकार का मानना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए, और ऐसे तरीकों से किया जाना चाहिए जो नफरत, नकारात्मकता न फैलाएं और मालदीव और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच घनिष्ठ संबंधों में बाधा न डालें।” बयान में कहा गया, “सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।”
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने अपमानजनक टिप्पणियों के लिए एक्स पर लिखा, “मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणास्पद भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं। भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”
वहीं, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अपमानजनक टिप्पणियों के लिए स्थानीय नेताओं की निंदा की और कहा कि ऐसी भाषा “भयानक” थी, उन्होंने कहा कि भारत द्वीपसमूह राष्ट्र की सुरक्षा और समृद्धि के लिए एक “प्रमुख सहयोगी” है। “मालदीव सरकार की अधिकारी मरियम शिउना ने एक प्रमुख सहयोगी के नेता के प्रति कितनी भयावह भाषा बोली है, जो मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। मोहम्मद मुइज्जू सरकार को इन टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए और भारत को स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए कि वे सरकार को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और माले की पिछली सरकार में दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति देखी गई। नये राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता है। लगभग एक महीने पहले पदभार संभालने के बाद मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी का आह्वान किया था।