सीएम भूपेंद्र पटेल और रिवाबा जडेजा, (फाइल फोटो)
Gujarat Cabinet Reshuffle: गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार में एक बड़ा मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार होने जा रहा है। इस फेरबदल के तहत, आज कुल 26 मंत्री शपथ लेंगे, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। यह फेरबदल राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें 19 बिल्कुल नए चेहरों को जगह दी गई है।
इस विस्तार से पहले, गुरुवार को पिछली कैबिनेट के सभी 16 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। पहले मुख्यमंत्री समेत 17 मंत्री (8 कैबिनेट और 8 राज्य मंत्री) थे, जो अब बढ़कर 26 हो गए हैं। हालांकि, विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या (182) के अनुसार, सीएम समेत अधिकतम 27 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
इस नए मंत्रिमंडल में क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी मंत्री बनाया गया है। नए चेहरों की लिस्ट में पोरबंदर से अर्जुन मोढवाडिया, मोरबी से कांतीलाल अमृतिया, भावनगर पश्चिम से जीतू भाई वाघाणी और जामनगर से रिवाबा जाडेजा जैसे नाम शामिल हैं। सीएम ने खुद फोन करके विधायकों को मंत्री बनने की जानकारी दी और उन्हें तुरंत शपथ लेने को कहा। नए मंत्रिमंडल के गठन में सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री सहित 8 मंत्री पटेल समुदाय से होंगे। इसके अलावा, 8 ओबीसी, 3 एससी, 4 एसटी और 3 महिलाएं भी मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।
1. ऋषिकेश पटेल
2. प्रफुल पानसेरिया
3. कुंवरजी बावळिया
4. परसोत्तम सोलंकी
5. कुनु देसाई
6. हर्ष संघवी
7. नरेश पटेल
8. कांति अमृतिया
9. अर्जुन मोढवाडिया
10. दर्शना वाघेला
11. त्रिकम छांगा
12. रीवा बा जाडेजा
13. जीतू वाघाणी
14. जयराम गामीत
15. पी. सी. बरंडा
16. स्वरूपजी ठाकोर
17. कौशिक वेकरिया
18. रमेश कटारा
19. ईश्वरसिंह पटेल
20. पद्मुमन वाजा
21. मनीषा वकील
22. प्रविण माली
23. संजयसिंह महिडा
24. कमलेश पटेल
25. रमन सोलंकी
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह बड़ा फेरबदल राज्य में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। यह भूपेंद्र पटेल का तीसरा मंत्रिमंडल होगा।
1. आलाकमान की असंतुष्टि: राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पिछली सरकार के ज्यादातर मंत्री भाजपा आलाकमान की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए थे।
2. सत्ता विरोधी लहर: राज्य में लगातार हुए राजनीतिक बदलावों (जैसे आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी का अचानक इस्तीफा) से यह संकेत मिलता है कि जनता में सत्ता विरोधी लहर का असर महसूस किया जा रहा है।
3. स्थानीय चुनाव चुनौती: 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में मनपा और नगर निकाय चुनाव होने हैं। इन्हें जीतना भाजपा के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती है।
4. पुराने दिग्गजों की वापसी: विसावदर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद, चर्चा है कि भाजपा अब उन ताकतवर नेताओं को बड़े पद और नई जिम्मेदारियां देगी जिन्हें लंबे समय से दरकिनार किया गया था।
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यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि गुजरात में सरकार बनने के बाद पिछले कई दशकों में मंत्रिमंडल का विस्तार अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के महीनों में ही होता रहा है। इस बार का विस्तार भी अक्टूबर में हो रहा है। मुख्यमंत्री पटेल ने इस फेरबदल के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात कर नए मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की अनुमति मांगी थी