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कोलकाता: जहां कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मामले के विरोध में यहां साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर चिकित्सकों का धरना प्रदर्शन मूसलाधार बारिश के बावजूद आज शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी रखा है। वहीं मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आसपास लागू निषेधाज्ञा की अवधि अब 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है।
इस बाबत जानकारी दें कि निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू की गई थी। इन आदेशों के तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच ये प्रतिबंध लागू किए गए हैं। एक अधिसूचना में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) के तहत जारी निषेधाज्ञा आरजी कर अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कों के अलावा श्यामबाजार में भी लागू रहेगी।
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इसमें कहा गया है, ‘‘लाठियां, खतरनाक एवं घातक हथियार ले जाना प्रतिबंधित है और शांति एवं सौहार्द को भंग करने का कोई भी प्रयास किए जाने पर बीएनएस की धारा 223 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।” उच्चतम न्यायालय ने अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल को सौंपा है.
इधर इस मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चिकित्सकों ने कहा कि वे गतिरोध को हल करने के लिए सक्षम प्राधिकारियों के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं। इन चिकित्सकों ने बाते 9 अगस्त की शाम से काम बंद कर रखा है और वे कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को आरजी कर घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ‘‘विफल” रहने के लिए निलंबित किए जाने की मांग कर रहे हैं।
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वे राज्य में सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को भी पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर जांच में तेजी लाने की मांग की है।
जानकारी दें कि महिला चिकित्सक का शव बीते 9 अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। इस घटना के अगले दिन कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।