पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (सोर्स-सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यानी मंगलवार 1 अक्टूबर 2024 को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर के परौंख गांव में हुआ था। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद दलितों के कोली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से चुने गए पहले राष्ट्रपति हैं। रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को भारत के राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला था।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं रामनाथ कोविंद करीब तीस साल से भी ज्यादा सक्रिय राजनीति में भी रहे हैं। अपने लंबे राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही उन्होंने अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए संघर्ष किया है। बीजेपी दलित मोर्चा और अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष रह चुके कोविंद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश में बीजेपी का सबसे बड़ा दलित चेहरा माने जाते थे।
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रामनाथ 1990 में भाजपा में शामिल हुए और लोकसभा का चुनाव लड़ा। वह चुनाव हार गए लेकिन पार्टी ने उन्हें 1993 और 1999 में राज्यसभा भेजा। इस दौरान रामनाथ भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने। वर्ष 2007 में रामनाथ ने बोगनीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके। इसके बाद उन्हें यूपी भाजपा संगठन में सक्रिय किया गया और प्रदेश महासचिव बनाया गया। जिसके बाद उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया।
एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद रामनाथ ने आईएएस की तैयारी की। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा भी पास की लेकिन आईएएस कैडर न मिलने के कारण उन्होंने वकालत करने का फैसला किया। रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। जबकि उन्होंने 1980 से 1993 तक सुप्रीम कोर्ट में वकालत की।
एक वकील के रूप में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने हमेशा गरीबों और कमजोरों की मदद की। इसके लिए वह फ्री लीगल एड सोसाइटी के बैनर तले खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों, महिलाओं, जरूरतमंदों और गरीबों की सहायता करते थे। इसके साथ ही बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि 1977 में भाजपा में शामिल होने से पहले रामनाथ कोविंद पूर्व कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव भी रह चुके हैं।
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