के अन्नामलाई (डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत मार्च के पहले हफ्ते तक शुरू हो जाएगी। होली से पहले पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की उम्मी लगाई जा रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मिली धमाकेदार जीत के बाद भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की कवायद तेज हो गई है।
इस बार चर्चा है कि भाजपा दक्षिण भारत के किसी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि पार्टी का ध्यान अब दक्षिणी राज्यों पर है, जो भविष्य में राजनीतिक तौर पर पार्टी के लिए अहम हो सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता जब तक देश के आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव न हो जाएं। इस महीने यानी फरवरी 2025 के आखिरी सप्ताह तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो जाएंगे।
इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तारीख का ऐलान किया जाएगा। पार्टी की इस योजना को लेकर सूत्रों का मानना है कि मार्च के पहले सप्ताह तक अध्यक्ष का चुनाव प्रक्रिया में आ सकता है।
इस बार दक्षिण भारत से किसी नेता को मौका मिलना संभव है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है साथ ही 20 साल से दक्षिण से कोई पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना है। आंध्र प्रदेश से आने वाले वेंकैया नायडू 2002-2004 के बीच आखिरी थे।
साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि अब जो भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा 2029 का लोकसभा चुनाव उसी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। बता दें कि भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है, ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी 2028 तक होगा, लेकिन 2029 के चुनाव को देखते हुए अगले अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है।
इस बार पार्टी में इस बात की चर्चा हो रही है कि भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष दक्षिण भारत से होना चाहिए। यह निर्णय दक्षिणी राज्यों में पार्टी को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया जा सकता है, क्योंकि इन राज्यों में भाजपा को अब तक बड़ा जनसमर्थन नहीं मिल सका है। इस बार दक्षिण भारत में दो नेताओं के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, जिसमें पहले के. अन्नामलाई और दूसरी दग्गुबाती पुरंदेश्वरी।
के. अन्नामलाई एक पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं और वर्तमान में भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष हैं। अन्नामलाई का जन्म 6 जून 1984 को तमिलनाडु के करूर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी IPS की नौकरी से इस्तीफा देकर 2019 में भाजपा जॉइन की थी। इसके बाद अन्नामलाई ने तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार और विचारधारा को फैलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
दग्गुबती पुरंदेश्वरी का जन्म 22 जनवरी 1959 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। वे एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता दग्गुबती रामानायडू और अभिनेत्री विजयलक्ष्मी की बेटी हैं। पुरंदेश्वरी का राजनीतिक सफर 2004 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के साथ शुरू हुआ था। उन्होंने चित्तूर से लोकसभा चुनाव जीतकर पार्टी की राजनीति में अपनी पहचान बनाई। वह केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी काम कर चुकी हैं और उनका राजनीतिक अनुभव गहरा है।
दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (सोर्स: सोशल मीडिया)
दग्गुबाती पुरंदेश्वरी का जन्म 22 जनवरी 1959 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। वे मशहूर फिल्म निर्माता दग्गुबाती रामानायडू और अभिनेत्री विजयलक्ष्मी की बेटी हैं। 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के साथ पुरंदेश्वरी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ। उन्होंने चित्तूर से लोकसभा चुनाव जीतकर भाजपा में अपनी पहचान बनाई। दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी काम किया हैं। उन्हें राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है।
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जानकारी के लिए बता के कि अब तक भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता आया है, यानी केवल एक व्यक्ति ही नामांकन दाखिल करता है और बिना किसी मतदान के उसे अध्यक्ष चुन लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में यह परंपरा कायम रही है, और इस बार भी इसके जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
हालांकि साल 2013 में जब नितिन गडकरी के दोबारा राष्टीय अध्यक्ष बनाने को लेकर कवायद चल रही थी उस समय थोड़ी हलचल मची थी। इस दौरान यशवंत सिन्हा ने नामांकन दाखिल किया था, लेकिन बाद में उन्होंने पर्चा वापस ले लिया था।