जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल खत्म
कोलकाता : आखिरकार पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स कोलकाता में आज 20 सितंबर को साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य भवन के बाहर बीते 10 सितंबर से जारी धरना-प्रदर्शन खत्म कर देंगे। वहीं धरना खत्म करने से पहले वे स्वास्थ्य भवन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित CBI ऑफिस तक वे आज मार्च करेंगे।
इस बाबत जूनियर डॉक्टरों ने बीते 19 सितंबर की देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वे आज शनिवार, 21 सितंबर से काम पर लौटेंगे। हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हड़ताल आंशिक रूप से जारी रहेगी। वे अभी इमरजेंसी और जरूरी सेवाएं देंगे। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप भी लगाएंगे। लेकिन ओपीडी और कोल्ड ऑपरेटिंग थिएटरों के कामकाज में वे शामिल नहीं होंगे।
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#WATCH | Kolkata, West Bengal | Dr Aqeeb says, “On the 41st day of the protest, West Bengal Junior Doctors Front wants to say that we achieved a lot during our agitation, but many things remain unachieved… We made the Kolkata Commissioner of Police resign and the DME, DHS… https://t.co/ESVrACsWF1 pic.twitter.com/doJGiK1Qq3
— ANI (@ANI) September 19, 2024
इन हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि न्याय के लिए उनकी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। वे बंगाल सरकार को एक हफ्ते का समय दे रहे हैं। अगर इस दौरान सरकार अपने सभी वादों को लागू नहीं करती है तो वह फिर से अपनी हड़ताल शुरू करेंगे।जानकारी दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते 9 अगस्त को हुए ट्रेनी डॉक्टर के दुष्कर्म-मर्डर के बाद डॉक्टर्स पिछले 41 दिनों से हड़ताल पर हैं।
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#WATCH | Kolkata, West Bengal | On Junior Doctors to call off their strike, Dr Aqeeb says, “There is flood issue and it’s our duty that those who stood by us if they are facing any disaster, we should be there to help them. Hence, We have decided to leave this protest site, we… pic.twitter.com/evJd77x7m8
— ANI (@ANI) September 19, 2024
जूनियर डॉक्टरों ने ने इस बात पर जोर दिया कि प्रदर्शन के कारण कोलकाता के पुलिस आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) को पद से हटा दिया गया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ‘‘आंदोलन खत्म हो गया है।” आंदोलनकारी चिकित्सकों ने यह भी घोषणा की कि वे पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए ‘अभया क्लीनिक’ चलाएंगे।
जूनियर डॉक्टरों ने कहा, ‘‘बाढ़ की स्थिति है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन लोगों का समर्थन करें जो हमारे साथ खड़े हैं। अगर वे किसी आपदा का सामना कर रहे हैं, तो हमें उनकी मदद के लिए वहां होना चाहिए। हम अपने अस्पतालों में लौट आएंगे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अभया क्लीनिक भी चलाएंगे।” पश्चिम बंगाल सरकार ने स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा और कुशल कामकाज पर निर्देशों की एक सूची जारी करते हुए कहा कि इन्हें तुरंत लागू करने की जरूरत है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)