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मंदिर-दरगाह विवाद पर भड़के जज साहब, बोले-कुछ हद तक ही बर्दाश्त कर सकते हैं…उन्होंने हद पार कर दी

Madras High Court: जस्टिस जयचंद्रन ने कहा कि कुछ हद तक ही बर्दाश्त कर सकते हैं। हद पार हुई तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। आप पता है कि उन्होंने हद पार कर दी है। वे उकसाते नहीं रह सकते।

  • By रंजन कुमार
Updated On: Dec 06, 2025 | 08:25 AM

सुब्रमणिय स्वामी मंदिर परिसर और मद्रास हाईकोर्ट।

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Deepam Dispute: तमिलनाडु के तिरुपरमकुंद्रम में दरगाह के पास स्थित सुब्रमणिय स्वामी मंदिर में कार्तिगई दीपम से जुड़ा मुद्दा सुर्खियों में है। प्रदेश सरकार मद्रास हाईकोर्ट के दीप जलाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। वहीं, गुरुवार को मामला संसद में उठा, जब द्रमुक के वरिष्ठ नेता टीआर बालू ने हाईकोर्ट के जज के खिलाफ टिप्पणी की। बालू ने यह विषय उठाया और भाजपा का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि एक दल की ओर से सांप्रदायिक टकराव की स्थित पैदा की जा रही।

उन्होंने मामले में फैसला देने वाले जज को एक संगठन से जोड़कर उल्लेख किया। इस पर सदन में हंगामा हो गया। शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट ने भी मामले को गंभीरता से लिया और कहा कि वह न्यायपालिका के खिलाफ ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेगा। जस्टिस जी जयचंद्रन और जस्टिस केके रामकृष्णन की बेंच ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि जज खुलकर रिएक्ट नहीं कर सकते, लोगों को कोर्ट को नहीं उकसाना चाहिए। लिमिट पार हुई तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।

12 दिसंबर को होगी सुनवाई

जस्टिस जयचंद्रन ने कहा कि हम कुछ हद तक बर्दाश्त कर सकते हैं। हद पार हुई तो कड़ा एक्शन लेंगे। आप जानते हैं कि उन्होंने हद पार की है। वे उकसाते नहीं रह सकते। ऐसी टिप्पणी नहीं कर सकते। केवल इसलिए कि जजों को रिएक्ट नहीं करना चाहिए, वे इसका फायदा नहीं उठा सकते। पीठ ने ये बातें सिंगल जज के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए कही, जिसमें अरुलमिगु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर प्रबंधन को 3 दिसंबर की शाम 6 बजे कार्तिगई दीपम का दीया जलाने को कहा गया था। कोर्ट ने सिंगल जज के आदेश के खिलाफ अपीलों पर 12 दिसंबर को सुनवाई करने का फैसला किया है।

ज्यूडिशियरी को नीचा दिखाने की कोशिश न करें

5 दिसंबर को इन अपीलों पर सुनवाई हुई तो रिट पिटीशन का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट एमआर वेंकटेश ने बेंच को बताया कि जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर जाति के आधार पर पर्सनल अटैक किए जा रहे। यह सुनकर जस्टिस जयचंद्रन ने कहा, हमारे धैर्य का इम्तिहान न लें। लोगों को याद रखना चाहिए कि वे कोर्ट के सब्र का टेस्ट न लें और ज्यूडिशियरी को नीचा दिखाने की कोशिश न करें। कानून तोड़ने वाले सोचते हैं कि रिएक्शन नहीं होगा। कृपया अपने क्लाइंट्स को बताएं कि वे ज्यूडिशियरी को नीचा नहीं दिखाएं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यह सबके लिए आखिरी रास्ता है। चाहे कोई व्यक्ति हो, वे ज्यूडिशियरी इंस्टीट्यूशन का हौसला गिराते रहेंगे तो एक्शन लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा न समझें, करूर भगदड़ मामले में HC ने ठुकराई CBI जांच की मांग, दिए ये आदेश

क्या है पूरा मामला?

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरैपीठ ने बृहस्पतिवार को मदुरैजिला कलेक्टर और शहर के पुलिस आयुक्त की ओर से दायर एक अंतर न्यायालयी अपील खारिज कर दी और एकल न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखा। उसमें श्रद्धालुओं को दीपथून में कार्तिगई दीपम दीप जलाने की मंजूरी दी गई थी। एक दिसंबर को जस्टिस जीआर स्वामीनाथन की एकल पीठ ने कहा था कि अरुलमिघु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर, उचि पिल्लैयार मंडपम के पास परंपरागत प्रकाश स्तंभ के अलावा दीपथून पर भी दीप प्रज्वलित करने के लिए बाध्य है।

Judge gets angry over temple dargah dispute

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Published On: Dec 06, 2025 | 08:25 AM

Topics:  

  • Supreme Court
  • Tamilnadhu News

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