जॉन ब्रिटास, फोटो- सोशल मीडिया
Indian Currency Controversy: क्या भारतीय करेंसी से महात्मा गांधी की पहचान मिटने वाली है? मनरेगा (MGNREGA) के नाम बदलने के विवाद के बीच, एक सांसद के दावे ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। दावा है कि नोटों से बापू की तस्वीर हटाने की गुप्त तैयारी चल रही है। आखिर क्या है इस दावे की पूरी हकीकत?
सियासी गलियारों में अचानक मची हलचल भारतीय लोकतंत्र और उसकी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा प्रतीक ‘महात्मा गांधी’ की तस्वीर वाले नोट हैं, लेकिन अब इसी को लेकर एक बड़ा सस्पेंस खड़ा हो गया है। CPI(M) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने एक ऐसा विस्फोटक दावा किया है, जिसने सरकार और विपक्ष के बीच नई जंग छेड़ दी है। ब्रिटास का कहना है कि केंद्र सरकार भारतीय करेंसी नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने पर विचार कर रही है।
यह आरोप उस समय लगा है जब पहले से ही मनरेगा के नाम से गांधी जी का नाम हटाने को लेकर विपक्ष में बेचैनी बढ़ी हुई है। सांसद के दावों के अनुसार, यह सिर्फ कोई सामान्य अटकल नहीं है। ब्रिटास ने मीडिया से बातचीत में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि इसके लिए शुरुआती ‘प्लान’ तैयार हो चुका है। उनके अनुसार, सरकार गांधी जी की तस्वीर को भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले अन्य प्रतीकों से बदलने के लिए उच्च स्तर पर चर्चा कर रही है। ब्रिटास का आरोप है कि यह देश के राष्ट्रीय प्रतीकों को फिर से लिखने की एक बड़ी और सोची-समझी कोशिश का हिस्सा है।
दिलचस्प बात यह है कि यह सस्पेंस तब गहरा रहा है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बार-बार ऐसे किसी भी कदम से इनकार किया है। रिकॉर्ड बताते हैं कि 1996 में ‘महात्मा गांधी सीरीज’ के बैंकनोट लॉन्च होने के बाद से ही बापू की तस्वीर नोटों का स्थायी हिस्सा बनी हुई है। साल 2022 में भी जब ऐसी खबरें उड़ी थीं कि रवींद्रनाथ टैगोर और ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की तस्वीरों पर विचार हो रहा है, तब सेंट्रल बैंक ने आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि बापू को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। लेकिन ब्रिटास का दावा है कि ‘ऑफिशियल इनकार’ के बावजूद पर्दे के पीछे पहले दौर की चर्चा हो चुकी है।
इस मर्डर मिस्ट्री जैसे सस्पेंस में ‘राजनीति’ का तड़का भी लगा है। यह विवाद तब और बढ़ा जब मनरेगा को ‘रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G बिल से बदलने की बात सामने आई। विपक्ष का मानना है कि यह गांधी जी के नाम को मिटाने की एक साजिश है।
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इसी बीच, ब्रिटास ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के प्रधानमंत्री की टी-पार्टी में जाने पर भी तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र पर धब्बा’ बताते हुए कहा कि जब जनविरोधी विधेयक लाए जा रहे हैं, तब विपक्ष का ऐसा नरम रुख उसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए यहां तक कह दिया कि शायद नोटों से गांधी जी की तस्वीर हटने के बाद भी विपक्ष के नेता ऐसे स्वागत समारोहों का हिस्सा बनते रहेंगे।