मतदान केंद्र का दौरा करता प्रतिनिधिमंडल (फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव को देखने के लिए बुधवार को अमेरिका, नॉर्वे, सिंगापुर सहित 16 देशों से आए वरिष्ठ राजनयिकों ने कश्मीर का दौरा किया। यहां आज दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने हाल में हुए लोकसभा चुनावों के बाद अच्छे मतदान प्रतिशत को देखते हुए विदेशी प्रतिनिधियों को शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया दिखाने के उद्देश्य से आमंत्रित किया था। हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
राजनयिकों के कश्मीर दौरे को लेकर अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने घाटी में पहुंचने के तुरंत बाद बडगाम जिले के ओमपोरा में एक मतदान केंद्र का दौरा किया। बडगाम के उपायुक्त अक्षय लाबरू ने मतदान केंद्र की उनकी यात्रा के दौरान पर्यवेक्षकों को मतदान प्रक्रिया की जानकारी दी। लाबरू जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं।
16 देशों से आए प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया और फिलीपीन के दिल्ली स्थित दूतावासों के राजनयिक शामिल थे। अधिकारिओं ने बताया कि अधिकतर दूतावासों का प्रतिनिधित्व दूतावास प्रभारी और दूतावास के उप प्रमुख करते हैं। अन्य का प्रतिनिधित्व मंत्री-परामर्शदाता और परामर्शदाता स्तर के राजनीतिक अधिकारी करते हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभरने के बाद संभवत: यह पहली बार है जब विदेशी पर्यवेक्षकों को चुनाव देखने की अनुमति दी गई है। पूर्ववर्ती सरकारों ने चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को अनुमति देने के किसी भी सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया था। केंद्र की मोदी सरकार ने इस वर्ष के शुरू में हुए लोकसभा चुनावों के बाद अच्छे मतदान प्रतिशत को देखते हुए विदेशी प्रतिनिधियों को शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया दिखाने के उद्देश्य से आमंत्रित किया था।
हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में जारी विधानसभा चुनाव को देखने के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करने के केंद्र के कदम की आलोचना की और कहा कि चुनाव भारत का अंदरूनी मामला है। अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि विदेशियों को यहां चुनाव की जांच करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए? जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि ‘‘यह भारत का अंदरूनी मामला है” और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव ‘‘हमारे लिए आंतरिक मामला है” और ‘‘हमें उनके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है”। उन्होंने कहा, ‘‘मतदान में लोगों की भागदारी भारत सरकार की वजह से नहीं है बल्कि उनके द्वारा किए गए सभी कामों के कारण है। उन्होंने लोगों को अपमानित किया है, उन्होंने लोगों को हिरासत में लेने और परेशान करने के लिए सरकार की सभी मशीनरी का इस्तेमाल किया है।” उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘इसके बावजूद लोग अपने घरों से निकल रहे हैं और चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। इसलिए यह ऐसी बात नहीं है जिस पर भारत सरकार को जोर देना चाहिए। लेकिन फिर भी, वे ऐसा कर रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण में 24 सीटों के लिए 18 सितंबर को मतदान हुआ था जबकि दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए बुधवार यानी आज मतदान हो रहा है। तीसरे चरण में 40 सीटों के लिए आने वाले एक अक्टूबर को मतदान होगा जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)