जगदीप धनखड़ (सोर्स: सोशल मीडिया)
Jagdeep Dhankhar Resignation: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब संसद का मानसून सत्र अभी शुरू ही हुआ है। ऐसे में अब यह जानना ज़रूरी है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है। भारत में उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है। अगर किसी कारणवश राष्ट्रपति का पद रिक्त होता है, तो उपराष्ट्रपति उसकी ज़िम्मेदारी भी संभालता है।
उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद और मनोनीत सदस्य ही हिस्सा लेते हैं। जबकि, राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा के सांसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं के विधायक मतदान करते हैं।
उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए भारत का नागरिक होना ज़रूरी है। उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उसे राज्यसभा सदस्य चुने जाने की सभी योग्यताएँ पूरी करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को 15,000 रुपये भी जमा करने होते हैं। यह एक तरह की सुरक्षा राशि होती है। यह राशि उम्मीदवार के चुनाव हारने या 1/6 वोट न मिलने पर जमा हो जाती है।
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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एक कोटा निर्धारित होता है। वोट डालने वाले सदस्यों की संख्या को 2 से भाग दें और फिर उसमें 1 जोड़ दें। मान लीजिए चुनाव में 787 सदस्यों ने वोट डाला, तो इसे 2 से भाग देने पर 393.50 आता है। इसमें 0.50 नहीं गिना जाता, इसलिए यह संख्या 393 होती है। अब इसमें 1 जोड़ने पर 394 आता है। चुनाव जीतने के लिए 394 वोट मिलना ज़रूरी है।