हनी ट्रैप के पीछे ISI की गंदी साजिश, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किए गए देवेंद्र सिंह ढिल्लों ने जासूसी मामले में पूछताछ के दौरान चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि उसे हनी ट्रैप में फंसाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने पर मजबूर किया गया। ढिल्लों ने यह भी बताया कि ISI एजेंट ने और भी कई युवाओं को हनी ट्रैप के जरिए फंसाने की कोशिश की थी।
इस पूरे मामले में एक रहस्यमयी महिला, जिसे ‘मैडम X’ कहा जा रहा है, का नाम सामने आ रहा है। सूत्रों के अनुसार, मैडम X की नजर सोशल मीडिया पर सक्रिय कई प्रभावशाली युवाओं पर थी। अब भारतीय जांच एजेंसियां और खुफिया विभाग इस महिला की पहचान करने में लगे हुए हैं।
“मैं लगभग 3000 लोगों के एक समूह के साथ करतारपुर कॉरिडोर गया था, जिसमें करीब 125 लोग हरियाणा से थे। जब हम वाघा बॉर्डर पर पहुंचे, तो हमारी मुलाकात एक स्कॉट से हुई और वहीं मेरी जान-पहचान विक्की नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक से हुई। उस समय मुझे यह जानकारी नहीं थी कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हुआ है। विक्की ने मेरी काफी मदद की, मुझे कई जगहों पर घुमाया, पूजा भी करवाई और फिर हम लाहौर पहुंचे। वहां विक्की ने मेरी मुलाकात अरसलान नाम के एक व्यक्ति से करवाई। इसके बाद हम एक होटल गए, जहां अरसलान की एक महिला मित्र भी मौजूद थी।”
“मेरी वहां पर उस लड़की से बातचीत हुई और हम दोनों ने एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट नंबर ले लिए। हम एक साथ शॉपिंग करने भी गए, और मेरे पास उसका इंस्टाग्राम आईडी भी था। लेकिन जब मैं भारत लौट आया, तो उसने मुझे ब्लॉक कर दिया। विक्की ने मुझसे कहा कि एक भारतीय फोन नंबर जो QR कोड में एक्टिव था उसमें ₹1500 भेज दूं ताकि किसी जरूरतमंद की मदद हो सके। मैंने उसकी बात मानकर उस नंबर पर ₹1500 ट्रांसफर कर दिए। इसके अलावा, मैंने खुद विक्की से संपर्क किया था और करतारपुर में पूजा करवाने के लिए उसके जानने वालों से निवेदन किया था। फिर एक दिन विक्की ने मुझसे कहा कि मुझे एक भारतीय सिम कार्ड दिलवा दो।”
सुरक्षा एजेंसियां अब उस भारतीय सिम नंबर की जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर उस नंबर का इस्तेमाल कौन कर रहा है। इसके साथ ही, देवेन्द्र सिंह ढिल्लों द्वारा दिए गए बयानों की भी पुष्टि की जा रही है।
11 मई को गुहला थाने में एक सुरक्षा एजेंट ने शिकायत दर्ज कराई कि देवेंद्र ने बिना लाइसेंस के पिस्तौल और बंदूकों के साथ अपनी तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट की हैं। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने 13 मई को देवेंद्र को हिरासत में लेकर दो दिन की रिमांड पर पूछताछ शुरू की। जांच के दौरान उसके मोबाइल फोन से पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी भेजे जाने के सबूत मिले, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में यह सामने आया कि देवेंद्र को फंसाने वाली लड़की पहले भी कई भारतीय युवकों को अपनी मोहक छवि के जरिए फंसा कर जासूसी करवाने के लिए मजबूर कर चुकी थी। इसके अलावा, हनी ट्रैप ISI की साजिश का एक प्रमुख हिस्सा है। ISI ने पहले भी कई भारतीय मूल के लोगों को हनी ट्रैप के जाल में फंसाने की कोशिश की है।