अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2025 (सौ.सोशल मीडिया)
International Mother Language Day 2025: भारत देश विविधता और संस्कृति वाला देश है यहां पर हर क्षेत्र और राज्यों में अलग-अलग तरह की भाषाएं और बोलियां, बोली जाती है। कई भाषाएं अब लुप्त होने लगी है इसका कारण अंग्रेजी का प्रचार सबसे ज्यादा होना हो सकता है। दुनिया में मातृभाषा और भाषाओं की पहचान बनाए रखने के लिए आज ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ (International Mother Language Day) मनाया जाता है।
वहीं पर यह दिन खास तरीके से मातृभाषाओं से जुड़ी जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस दिवस से जुड़ा इतिहास औऱ इस बार की थीम…
यहां पर ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ को लेकर कहा जाता है कि, 21 फरवरी 1952 में ढाका विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए एक विरोध प्रदर्शन किया था। यह विरोध प्रदर्शन बहुत जल्द एक नरसंहार में बदल गया जब तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसा दी। इस घटना में 16 लोगों की जान गई थी। भाषा के इस बड़े आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में 1999 में यूनेस्को (United Nation) ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की थी।
कहा जाता है कि, बांग्ला भाषा बोलने वालों के मातृभाषा के लिए प्यार की वजह से ही आज विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।
आपको बताते चलें कि, पूरे विश्व में ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ (International Mother Language Day) की थीम की बात की जाए तो, इस वर्ष का थीम भाषाई विविधता को बढ़ावा देने, लुप्तप्राय भाषाओं की रक्षा करने और बहुभाषी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को प्रदर्शित करने पर जोर दे रहा है। दिवस के अनुसार, हर साल की अलग-अलग थीम होती है।
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आपको बताते चलें कि, यूनेस्को के मुताबिक दुनियाभर में 6000 भाषाएं बोली जाती हैं। वहीं पर भारत में भाषाओं के गणित को समझें तो, साल 1961 की जनगणना के मुताबिक, यहां 1652 भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें से 42.2 करोड़ लोगों की मातृभाषा हिंदी है। भारत में 29 भाषाएं ऐसी हैं उनको बोलने वालों की संख्या 10 लाख से ज्यादा है। भारत में 7 भाषाएं सी बोली जाती है, जिनको बोलने वालों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। भारत में 122 ऐसी भाषाएं हैं।