सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के रूस निर्मित गाइडेड मिसाइल युद्धपोत आईएनएस तमाल को 1 जुलाई को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में नौसेना में शामिल किया जाएगा। गाइडेड मिसाइल युद्धपोत आईएनएस तमाल कई मिसाइलों और निगरानी प्रणालियों को ढोने में सक्षम है।
अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस में लगे 26 प्रतिशत घटक भारतीय हैं। जिसमें जल और जमीन दोनों पर निशाना साधने वाली घातक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी शामिल है। भारतीय नौसेना के अनुसार, युद्धपोत आईएनएस तमाल 125 मीटर लंबा है, जबकि इसका वजन 3900 टन है।
इस युद्धपोत में भारतीय और रूसी अत्याधुनिक तकनीकों और युद्धपोत निर्माण की सर्वोत्तम प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया है। नौसेना में शामिल होने के बाद तमाल भारतीय नौसेना की ‘स्वॉर्ड आर्म’ में शामिल हो जाएगा। स्वॉर्ड आर्म भारतीय नौसेना में पश्चिमी बेड़े के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि युद्धपोत आईएनएस तमाल न केवल भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत का प्रतीक होगा, बल्कि यह भारत और रूस के बीच सामरिक साझेदारी का भी उदाहरण होगा। आईएनएस तमाल पिछले दो दशकों में रूस से भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला 8वां क्रिवाक श्रेणी का युद्धपोत होगा।
अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धपोत का निर्माण कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में किया गया है। इस युद्धपोत को नौसेना में शामिल करने के लिए आयोजित होने वाले समारोह की अध्यक्षता पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम में कई उच्च पदस्थ भारतीय और रूसी रक्षा अधिकारी शामिल होंगे। आईएनएस तमाल तुशील श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है, जो अपने पूर्ववर्ती तलवार और तेग श्रेणी का आधुनिक संस्करण है। वहीं, युद्धपोतों की इस श्रृंखला के पूरा होने के साथ ही भारतीय नौसेना 4 अलग-अलग श्रेणियों में समान क्षमताओं और उपकरणों, हथियारों और सेंसर में समानता वाले 10 युद्धपोतों का संचालन करेगी।
युद्धपोत आईएनएस तमाल में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 100 एमएम की बंदूकें, भारी वजन वाले टॉरपीडो, त्वरित हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट और कई निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार हैं। मधवाल ने कहा, ‘तमाल अपने वजन से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली है, इसका टन भार और मारक क्षमता का अनुपात बहुत ज़्यादा है। इसकी सहनशक्ति बहुत ज़्यादा है। इसकी अधिकतम गति 30 नॉट से ज़्यादा है।’