
इंडिगो फ्लाइट। इमेज-सोशल मीडिया
IndiGo News: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की जांच और सरकार की फटकार के बाद अब प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) भी पूरे मामले की जांच करेगी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने इंडिगो के खिलाफ उड़ानों में आई हालिया व्यवधानों को लेकर जांच शुरू करने का निर्णय लिया है। भारत के एविएशन सेक्टर में इंडिगो का दबदबा है। उसके पास 60 फीसदी से ज्यादा का मार्केट शेयर है।
CCI ने कहा है कि उसे इंडिगो के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें हाल में एविएशन सेक्टर में विभिन्न रूट्स पर देखी गई फ्लाइट डिसरप्शन से जुड़ी हैं। आयोग ने इंडिगो के खिलाफ शिकायत पर संज्ञान लिया है। आयोग ने शुरुआती जांच-पड़ताल के आधार पर प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के प्रावधानों के अनुसार मामले में आगे बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें, कॉम्पिटिशन एक्ट का सेक्शन-4 दबदबे के गलत इस्तेमाल से संबंधित है, जबकि अधिनियम का सेक्शन 4(2) उन तरीकों को बताता है, जिन्हें दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल माना जाता है।
CCI मिली जानकारी के आधार पर शुरुआती जांच करती है और फिर नतीजों के आधार पर, वह डायरेक्टर जनरल के ऑफिस को औपचारिक जांच शुरू करने का निर्देश देती है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो घरेलू हवाई यातायात में 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखती है। इस महीने की शुरुआत में इंडिगो को बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई उड़ानों में देरी हुई। कंपनी पहले ही 800 करोड़ रुपए से ज्यादा के टिकट रिफंड कर चुकी है।
यह भी पढ़ें: फिर सुर्खियों में इंडिगो…उड़ानों को लेकर जारी कर दी बेहद खास एडवाइजरी
इंडिगो संकट का मुख्य कारण नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम बताए जा रहे। इनके तहत पायलटों और क्रू के ड्यूटी घंटों और आराम के नियम सख्त कर दिए गए हैं। इंडिगो ने इन नियमों का पालन करने के लिए पर्याप्त पायलटों की भर्ती और रोस्टर प्लानिंग नहीं की। इससे हजारों उड़ानें रद्द हुईं और लाखों यात्री प्रभावित हुए। सरकार ने इंडिगो की विंटर शेड्यूल में 10% कटौती का आदेश दिया, जिससे रोजाना सैकड़ों उड़ानें कम हो गईं। व्यापक अड़चनों को लेकर एयरलाइन पर सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की भी नजर है। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा था कि किसी भी एयरलाइन को, चाहे वह कितनी भी बड़ी हो, यात्रियों को परेशानी पहुंचाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी।






