(फाइल फोटो)
Operation Sindoor: जम्म-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। अब ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने क लिए भारतीय सेना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद ली थी। खबर है कि एआई के जरिए भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के गतिविधियों की जानकारी हासिल की और इस काम में बीते 26 साल के रिकॉर्ड्स का इस्तेमाल किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स में किए जा रहे दावे के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना में डायरेक्टर जनरल इनफॉर्मेशन सिस्टम की जिम्मेदारी संभालने वाले और अब सेना की इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कुमार साहनी ने सोमवार को बताया कि जगह तय करने में और टारगेट सेट करने में सटीकता 94 प्रतिशत से ज्यादा रही थी।
ऐसी जानकारी है कि युद्ध क्षेत्र की मॉडलिंग 26 साल के डेटा से की गई थी, जिसमें सभी रेडियो एमिशन और सभी फ्रीक्वेंसी सिग्नेचर को ट्रैक किया गया था। इसमें हर एक उपकरण की गतिविधि और उस पाकिस्तान यूनिट की जानकारी थी, जिसे पहले यह उपकरण सौंपा जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस मॉडलिंग और लाइव फीड की मदद से 94 फीसदी सटीकता हासिल की गई। इसकी मदद से हम पता लगा सके की मशीन (बंदूक, मिसाइल, यूनिट आदि) सीमा पर किस जगह पर होगी।
लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि देश में ही विकसित की गई 23 ऐप ने भी ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन ऐप को उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की रीढ़ करार दिया। उन्होनें कहा कि ऐप ने बिना समय गंवाए वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध कराकर दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाने में मदद से लेकर खतरों का पता लगाने और रणनीति बनाने तक में सेनाओं को मजबूती दी।
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उन्होंने बताया कि इन ऐप के इस्तेमाल में भी तीनों सेनाओं के बची बेहतर को-ऑर्डिनेशन देखने को मिला और उन्हें एक ही स्क्रीन पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी तमाम जानकारी मिल रही थी। इन जानकारियों को तीनों सेनाएं बिना समय गंवाएं एक दूसरे के साथ साझा भी कर रही थी। उन्होंने कहा कि ऐप की मदद से अगले 72 घंटे के मौसम पूर्वानुमान के आधार पर सेनाएं अपनी रणनीतियों को अंजाम दे रही थी। उन्होंने कहा कि इन ऐप से मिली जानकारी 94 प्रतिशत से भी ज्यादा सटीक थी।