भारत सरकार ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द की
नई दिल्ली: भारत ने तुर्की की एयरपोर्ट सर्विस कंपनी सेलेबी एविएशन को एक बड़ा झटका दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस कंपनी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। यह वही कंपनी है जो देश के 9 प्रमुख एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड हैंडलिंग, कार्गो और एयरसाइड संचालन जैसे अहम कार्य देख रही थी। इस फैसले के पीछे भारत-तुर्की के बीच बढ़ता राजनीतिक तनाव और तुर्की द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन को मुख्य कारण माना जा रहा है। अब इन एयरपोर्ट्स पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
सेलेबी एविएशन को नवंबर 2022 में भारत में ग्राउंड हैंडलिंग सेवा के लिए मंजूरी मिली थी। हाल ही में भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तुर्की द्वारा की गई आलोचना ने माहौल को और गर्म कर दिया। इससे पहले एक विधायक ने भी कंपनी की भारत में मौजूदगी पर आपत्ति जताई थी। अब नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो के निर्देश पर यह क्लीयरेंस रद्द किया गया है। जल्द ही नए सेवा प्रदाताओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।
Bureau of Civil Aviation Security revokes security clearance for Celebi Airport Services India Pvt Ltd with immediate effect in the “interest of national security” pic.twitter.com/A4YGBtUQcc — ANI (@ANI) May 15, 2025
सुरक्षा के लिहाज से उठाया गया कदम
भारत में मौजूद तुर्की कंपनी सेलेबी एविएशन का ऑपरेशन अब खतरे में है क्योंकि सरकार ने उसका सुरक्षा क्लीयरेंस रद्द कर दिया है। कंपनी दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर कार्यरत थी, जहां उसे संवेदनशील संचालन की जिम्मेदारी मिली थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सख्त नीति के तहत यह कार्रवाई हुई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि संबंधित एयरपोर्ट्स पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी ताकि संचालन में कोई बाधा न आए।
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बढ़ते विरोध और जनता के गुस्से का असर
तुर्की और अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के चलते देश में व्यापक जनआक्रोश फैल गया है। ट्रैवल कंपनियों ने तुर्की यात्राओं से बचने की सलाह जारी की है और कई ने तो तुर्की से अपने कारोबारी रिश्ते भी खत्म कर लिए हैं। इस बीच सेलेबी एविएशन ने खुद को निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से जुड़ा बताते हुए सफाई दी है, लेकिन तुर्की से संबंध होने की वजह से भारत सरकार ने कोई ढील नहीं दी। सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए यह निर्णय लिया गया।