कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना को कथित तौर पर हुए एयरक्राफ्ट्स के नुकसान वाले मुद्दे ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। इस बार इस मुद्दे की चिंगारी को हवा तब मिली जब इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अताशे कैप्टन शिवकुमार का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ने कुछ एयरक्राफ्ट राजनैतिक बाध्यताओं के चलते खोए हैं।
कैप्टन शिवकुमार ने अपने एक बयान में कहा, “मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ कि भारत ने इतने सारे विमान खो दिए, लेकिन मैं इस बात से सहमत हूँ कि हमने कुछ विमान खो दिए और ऐसा केवल राजनीतिक नेतृत्व द्वारा उनके सैन्य प्रतिष्ठान या उनके एयर डिफेंस पर हमला न करने के लिए लगाए गए बाध्यताओं के कारण हुआ।
शिवकुमार कहते हैं कि हार के बाद हमने अपनी रणनीति बदली और हम उनके सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने गए। इसलिए हमने सबसे पहले दुश्मन की एयर डिफेंस को अलग किया और नष्ट किया। यही कारण है कि हमारे सभी हमले सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और ब्रह्मोस जैसी सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग करके आसानी से हो गए।
कैप्टन के इस बयान के सामने आने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने एक एक्स पोस्ट में लिखा कि ‘राजनैतिक नेतृत्व की लगायी बाध्यताओं के कारण भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाकू विमान गंवाए हैं। साथ ही यह भी बताया कि ये बात भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कही है।
‘राजनैतिक नेतृत्व की लगायी बाध्यताओं के कारण भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाकू विमान गंवाए हैं’
– ये बात भारतीय नौसेना के अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने कही है
इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने भी ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय फाइटर जेट के गिरने की बात कही…
— Congress (@INCIndia) June 29, 2025
पोस्ट में आगे लिखा गया है, ‘इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय फाइटर जेट के गिरने की बात कही थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीजफायर से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब नहीं मिले हैं। प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को देश के सामने आकर इनकी सच्चाई रखनी चाहिए। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और जवाबदेही से मुंह फेर रहे हैं।’
पहला सवाल- प्रधानमंत्री अपनी अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर विपक्ष को सच्चाई बताने से क्यों इंकार कर रहे हैं?
दूसरा सवाल- इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को क्यों खारिज कर दिया गया?
तीसरा सवाल- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री देश से क्या छिपा रहे हैं?
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जिस तरह से कैप्टन शिवकुमार का बयान सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है, इससे एक बात तो साफ जाहिर है कि आने वाले समय में इसे लेकर राजनैतिक माहौल गरमाने वाला है। अब देखना दिलचस्प होगा कि केन्द्र सरकार इस मामले पर क्या कुछ बोलती है, या फिर बीजेपी नेता इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।