हथियारों से लैस ड्रोन। इमेज-सोशल मीडिया
Indian Army Buying 850 Kamikaze Drones: ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोनों ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। पहले ही दिन भारत ने आतंकियों के 9 में से 7 अड्डों को ड्रोनों हमलों में ध्वस्त कर दिया था। इसको ध्यान में रखते हुए सेना अब 850 कामिकेज यानी आत्मघाती ड्रोन खरीद रही है। 2,000 करोड़ रुपये की यह डील फास्ट ट्रैक तरीके से पूरा की जाएगी।
खास बात है कि सभी 850 ड्रोन भारतीय कंपनियों से खरीदे जाएंगे। मतलब ये पूरी तरह मेड इन इंडिया होंगे। सेना का लक्ष्य केवल ये 850 ड्रोन नहीं, बल्कि भविष्य में 30,000 ऐसे ड्रोन अपने बेड़े में शामिल करना है, जिससे हर मोर्चे पर दुश्मन को आसमान से धूल चटाई जा सके। इस डील के बारे में पाकिस्तान और चीन को भनक लगने के बाद उनके कान खड़े हो गए हैं। स्थानीय कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान और चीन भी आधुनिक ड्रोन की जल्द डील करने वाले हैं।
कामिकेज़ ड्रोन को आत्मघाती ड्रोन कहा जाता है, क्योंकि ये खुद ही मिसाइल की तरह काम करते हैं। ये ड्रोन लॉन्च होने के बाद काफी देर तक आसमान में मंडराते और दुश्मन की हरकतों पर नजर रखते हैं। जैसे ही इन्हें दुश्मन का बंकर, गाड़ी या आतंकी अड्डा दिखता है, ये सीधे उससे टकरा जाते हैं। इनकी रफ्तार और छोटे आकार के चलते इन्हें रडार से पकड़ना और रोकना बहुत मुश्किल है।
सेना अब अपनी हर इन्फैंट्री बटालियन यानी पैदल सेना की टुकड़ी को तकनीक से लैस कर रही। अब सेना की हर बटालियन में एक अशनी प्लाटून होगी। इस प्लाटून का काम केवल घातक ड्रोनों को ऑपरेट करना होगा। ये जवान दुश्मन की लोकेशन पता लगाकर उन पर हमला करने और आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाने में माहिर होंगे। इन ड्रोनों का इस्तेमाल केवल थल सेना नहीं, बल्कि वायुसेना, नौसेना और स्पेशल फोर्स भी करेंगी।
इस डील के पीछे असली वजह ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी है। इस संघर्ष के दौरान भारतीय ड्रोनों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। उसके बदले में भारतीय ड्रोनों ने सीमा पार आतंकी हेडक्वार्टर तबाह किए। पाकिस्तानी सेना आतंकियों को बचाने के लिए आगे आई तो भारतीय ड्रोनों ने उन्हें भी भारी नुकसान पहुंचाया था।
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भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही। ये ड्रोन देश में ही बनेंगे। 850 ड्रोनों का यह ऑर्डर भारतीय स्टार्टअप्स और कंपनियों को दिया जाएगा। यह डील फास्ट-ट्रैक मोड में है। ऐसे में मंजूरी मिलते ही इनका प्रोडक्शन और डिलीवरी जल्दी शुरू हो जाएगी।
भविष्य में पूरी सेना को ऐसे छोटे-बड़े ड्रोनों से लैस किया जाएगा। इससे किसी भी युद्ध में भारतीय जवानों को खतरा कम और दुश्मन को नुकसान ज्यादा होगा। यह फैसला भारतीय सेना के इतिहास में मील का पत्थर है। अब सेना सिर्फ जमीन पर नहीं, बल्कि आसमान से भी दुश्मन का पीछा कर उसे वहीं खत्म कर देगी।