प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो सोर्स एएनआई)
नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 30 मई दिन शुक्रवार को जानकारी दी कि पूर्वोत्तर भारत में 31 मई तक बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसका कारण बांग्लादेश के ऊपर बना डिप्रेशन है, जो अगले 12 घंटों में कमजोर होकर एक चिन्हित निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जाएगा।
आईएमडी के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण उत्तर-पश्चिम भारत के कई राज्यों में अगले 4-5 दिनों तक बारिश, आंधी और तेज हवाएं चलने की संभावना है। दक्षिण भारत की बात करें तो, केरल, तटीय कर्नाटक और तमिलनाडु के घाट क्षेत्रों में भी भारी वर्षा का अनुमान है।
खासकर 30 मई को केरल में अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, इसके बाद वर्षा में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है। असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले 7 दिनों तक लगातार हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
30 मई से 1 जून तक केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ बिजली, गरज और तेज हवाएं चल सकती हैं। कोस्टल आंध्र, लक्षद्वीप और दक्षिण कर्नाटक में भी 30 मई को भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 30 मई से 3 जून तक बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा। 30 मई को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 70 किमी/घंटा तक की तेज आंधी चल सकती है। 31 मई से 1 जून तक हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट है। पश्चिम राजस्थान में धूल भरी आंधी 30 मई और 2 से 5 जून के बीच चल सकती है।
विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा और मध्यप्रदेश में 30 मई से 1 जून तक गरज-चमक के साथ बारिश होगी। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तेज हवाएं 60-70 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं।
आईएमडी ने यह भी भविष्यवाणी की है कि है कि जून-सितंबर 2025 के दौरान देशभर में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। जून महीने का अलग पूर्वानुमान जून के आखिरी सप्ताह में जारी किया जाएगा। 24 मई को ही केरल में मानसून की सबसे पहले दस्तक हुई, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी हुई मानसूनी शुरुआत है।