प्रतीकात्मक तस्वीर, फोट - सोशल मीडिया
हजारीबाग/शिवगंगा : हजारीबाग (झारखंड) और शिवगंगा (तमिलनाडु) से एक बार फिर से दर्दनाक घटनाएं सामने आई हैं, जहां अवैध खनन और लापरवाही ने कई जिदगियां निगल लीं। इन दोनों राज्यों में हुए हादसों ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
झारखंड के हजारीबाग जिले के बरियातू खावा क्षेत्र में एक अवैध कोयला खदान में गुरुवार सुबह लगभग 6:30 बजे अचानक नदी का पानी घुस गया, जिसमें **तीन मजदूरों की मौत हो गई। खावा नदी का पानी बिना किसी पूर्व चेतावनी के अवैध खदान में घुसा और मजदूर अंदर ही फंसे रह गए।
सर्कल अधिकारी राम रतन वर्णवाल ने बताया कि हमें शाम में जानकारी मिली कि 3 मजदूर खावा नदी में बह गए हैं। जब सुबह पहुंचे, तो खदान का गड्ढा मिला, जो अवैध रूप से खोदा गया था। वहां खनन चल रहा था। हमने तत्काल पानी निकालने के लिए मशीनें लगाईं हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यह खदान बिना किसी सुरक्षा उपायों के चुपचाप संचालित की जा रही थी, जो इस तरह के हादसे का कारण बनी।
तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के मल्लाकोट्टई इलाके में मंगलवार को एक प्राइवेट स्टोन क्वैरी में चट्टान खिसकने से 5 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों की पहचान मुरुगानंधम, अरुमुगम, गणेशन, अंडीचामी और हरषित (ओडिशा निवासी) के रूप में हुई है। घायल माइकल को मदुरै के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जमशेदपुर से दिल दहलाने वाला घटना, चलती SUV में लगी आग, 55 वर्षीय व्यक्ति की जलकर मौत
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायल को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह भी कहा कि माइकल को बेहतरीन इलाज मुहैया कराया जाएगा।