तेजस फाइटर जेट (डिजाइन फोटो)
Tejas Jet Crash: दुबई एयर शो के दौरान क्रैश हुए स्वदेशी तेजस फाइटर जेट का अब तक का सेफ्टी रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। इसका पहला स्क्वाड्रन 45 फ्लाइंग डैगर्स 2016 में बनाया गया था। इसे जुलाई 2016 में सुलूर में सिर्फ दो तेजस एयरक्राफ्ट के साथ कमीशन किया गया था। इंडियन एयर फोर्स ने मई 2020 में नलिया में तेजस मार्क-1 फाइटर जेट्स का दूसरा स्क्वाड्रन 18 फ्लाइंग बुलेट्स बनाया था।
आपको बता दें कि इंडियन एयर फोर्स में अब तक सिर्फ़ 38 स्वदेशी तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट शामिल किए गए हैं। भारतीय वायुसेना को अपना पहला स्वदेशी मल्टी-रोल जेट तेजस स्क्वाड्रन बनने से एक साल पहले यानी जनवरी 2015 में मिला था।
एक अधिकारी ने बताया कि नंबर 45 और 18 स्क्वाड्रन से तीन तेजस जेट दुबई एयर शो में भेजे गए थे। यह पहली बार नहीं है जब तेजस ने दुबई एयर शो में हिस्सा लिया है। पिछले कई सालों से भारत चौथी पीढ़ी के तेजस मार्क-1 फाइटर जेट को विदेशों में एयर शो में शामिल कर चुका है, जहां इसने दमदार प्रदर्शन किया है।
तेजस फाइटर जेट ने पहले भी दुबई, सिंगापुर और दूसरी जगहों पर इंटरनेशनल ऑडियंस के सामने लो-लेवल एरोबेटिक्स के जरिए अपनी “बेहतरीन हैंडलिंग कैरेक्टरिस्टिक्स और मैन्यूवरेबिलिटी” दिखाई है, जिसका मकसद इंटरनेशनल खरीदारों को जीतना है।
इंडियन एयर फोर्स ने 1.1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 180 एडवांस्ड तेजस Mark-1A जेट के ऑर्डर दिए हैं, जिसमें सितंबर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 66 हजार 500 करोड़ रुपये के 97 जेट के लिए साइन की गई सबसे नई डील भी शामिल है।
यह बात जाहिर है इंडियन एयर फोर्स ने तेजस की बेहतरीन कैपेबिलिटी और परफॉर्मेंस की वजह से इतने सारे ऑर्डर HAL को दिए हैं। हालांकि, US कंपनी से इंजन डिलीवरी में काफी देरी और वेपन ट्रायल पेंडिंग होने की वजह से तेजस Mark-1A की डिलीवरी अभी शुरू नहीं हुई है।
तेजस Mark-1A के वेपन ट्रायल में एस्ट्रा बियॉन्ड विज़ुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, एडवांस्ड शॉर्ट-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल, और लेज़र-गाइडेड बम की टेस्टिंग के साथ-साथ इज़राइली एल्टा ELM-2052 रडार और फायर कंट्रोल सिस्टम के साथ उनका इंटीग्रेशन शामिल है।
इतनी खूबियों होने के बावजूद दुबई एयर शो के दौरान जिस तरह तेजस Mark-1A क्रैश हुआ है, वह बहुत परेशान करने वाला है। इस अचानक हुए हादसे में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले एयर फोर्स पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की भी जान चली गई।
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एक पूर्व फाइटर पायलट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस समय क्रैश का कारण पता लगाना मुश्किल है। यह किसी ज़रूरी मोड़ पर अचानक पावर आउटेज या कंट्रोल में खराबी हो सकती है। लेकिन, क्रैश का सही कारण ब्लैक बॉक्स की जांच के बाद ही पता चलेगा।