ग्रह मंत्री अमित शाह (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन के दौरान बड़ा राजनीतिक संदेश देते हुए कहा कि दिल्ली के बाद अब पश्चिम बंगाल की बारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा का प्रभाव तेजी से बढ़ा है और अब केवल पश्चिम बंगाल बचा है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी चुनावों के बाद वहां भी कमल खिलेगा और आयुष्मान भारत योजना का लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों को मिलेगा। उनके इस बयान ने सदन में राजनीतिक हलचल तेज कर दी और भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया।
अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। शाह ने बताया कि सहकारिता का क्षेत्र देश के हर परिवार और गांव को जोड़ता है और यह न केवल कृषि, बल्कि ग्रामीण विकास और स्वरोजगार में भी अहम भूमिका निभाता है। इस विधेयक से लघु उद्यमिता को भी प्रोत्साहन मिलेगा और नवाचार के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अमित शाह ने बताया कि इसका नामकरण एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर किया गया है, जिन्होंने गांधीजी के सिद्धांतों को अपनाते हुए ईमानदारी और सेवा के साथ सहकारिता को जीवन में उतारा। यह विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में ग्रामीण विकास और सामाजिक समावेश को मजबूत करेगा।
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गौरतलब है कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 को 3 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य सहकारिता आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना और कृषि, स्वरोजगार और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसके जरिए ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर और समाज में आत्मनिर्भरता का भाव विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है। शाह ने यह भी बताया कि सहकारिता का क्षेत्र देश के हर परिवार और गांव को जोड़ता है और यह न केवल कृषि, बल्कि ग्रामीण विकास और स्वरोजगार में भी अहम भूमिका निभाता है।