आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत। (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज हरियाणा का दौरा करेंगे और यहां संघ के आदिवासी संपर्क कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। आज के इस कार्यक्रम में देशभर से करीब 80 अनुसूचित जनजाति समूह हिस्सा लेंगे। इस बाबत संघ के शीर्ष सूत्रों ने बताया था कि 20 से 22 सितंबर के बीच हरियाणा के समालखा में तीन दिवसीय कार्यक्रम में देशभर से 2000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। हालांकि इस कार्यक्रम स्थल का चयन इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि BJP राज्य में दो कार्यकाल की सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है। राज्य में आगामी 5 अक्टूबर को मतदान होगा।
जानकारी दें कि RSS से संबद्ध वनवासी कल्याण आश्रम हर तीन साल में अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करता है। वनवासी कल्याण आश्रम के प्रचार एवं मीडिया संचार प्रमुख प्रमोद पेठकर ने बीते सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया था कि , ‘‘सम्मेलन का उद्घाटन गुजरात के प्रसिद्ध भागवत कथाकार रमेश भाई ओझा 20 सितंबर को करेंगे।”
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उन्होंने यह भी बताया था कि सभी कार्यकर्ताओं को आज 21 सितंबर से दो दिन आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत का प्रेरणादायी सानिध्य मिलेगा। पेठकर ने कहा था कि बीते शुक्रवार को देश की 80 विभिन्न जनजातियों के सदस्य आरएसएस प्रमुख की मौजूदगी में सम्मेलन स्थल परिसर में विभिन्न पंडालों में पूजा करेंगे और अपनी पूजा पद्धतियों का प्रदर्शन कर ‘‘एकता का संदेश” देंगे।
उन्होंने बताया था कि कि इस अवसर पर RSS प्रमुख उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे। पेठकर ने बताया कि सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख की उपस्थिति में विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें देश के विभिन्न भागों में वनवासी कल्याण आश्रम की गतिविधियों और कार्यक्रमों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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उन्होंने कहा था कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित वनवासी कल्याण आश्रम के कम से कम 2,000 स्वयंसेवकों के भाग लेने की उम्मीद है।वनवासी कल्याण आश्रम ने एक प्रेस नोट में कहा, ‘‘इस समय देश राष्ट्र, आस्था और संस्कृति पर भावनात्मक बहस से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि आस्था का नुकसान संस्कृति का नुकसान है और संस्कृति का नुकसान पहचान का नुकसान है।”