Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने अयोध्या राम मंदिर पर खड़े किए सवाल…फैसले को बताया न्याय का मजाक, यहां है जवाब!

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर.एफ. नरीमन ने अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे सेकुलरिज्म के सिद्धांतों के खिलाफ बताया और न्याय प्रक्रिया का मजाक करार दिया।

  • By मृणाल पाठक
Updated On: Dec 08, 2024 | 09:13 AM

SC के पूर्व जज रोहिंटन फली नरीमन और राम मंदिर (सौजन्यः सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर.एफ. नरीमन ने अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे सेकुलरिज्म के सिद्धांतों के खिलाफ बताया और न्याय प्रक्रिया का मजाक करार दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद स्वीकार किया था कि बाबरी मस्जिद के नीचे कोई राम मंदिर नहीं था। इस बयान के बाद विवाद और बढ़ने की संभावना है। इस विषय को समझने के लिए हमने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की उस रिपोर्ट को खंगालने की कोशिश की, जिसके आधार पर सर्वोच्च अदालत ने राम मंदिर के पक्ष में निर्णय दिया था।

2003 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने विवादित स्थल पर खुदाई की थी। इस प्रक्रिया की शुरुआत ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक से हुई, जिसका उद्देश्य जमीन के नीचे छिपी हुई किसी ऐतिहासिक संरचना या मानव निर्मित वस्तु का पता लगाना था। तकनीकी संकेतों के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से खुदाई की अनुमति ली गई। यह खुदाई 12 मार्च 2003 को शुरू हुई और लगभग पांच महीने तक चली। इस दौरान एएसआई की 14 सदस्यीय टीम को बढ़ाकर 50 सदस्यीय कर दिया गया था। खुदाई स्थल पर सुरक्षा बल और अदालती पक्षकारों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

खुदाई से क्या मिला?

खुदाई में अलग-अलग कालखंडों की संरचनाएं सामने आईं। ऊपरी परतें 18वीं-19वीं सदी की थीं, जो मुगल काल से जुड़ी थीं। इसके नीचे सुंग, कुषाण, गुप्त और मौर्य काल की संरचनाएं मिलीं। सबसे गहरे स्तर पर 1680 ईसा पूर्व के अवशेष पाए गए। खुदाई में काले चमकदार बर्तनों, टेराकोटा मूर्तियों और वास्तुशिल्पीय तत्वों के साक्ष्य भी मिले।

पुरातत्वविद् बी.आर. मणि के अनुसार, खुदाई ने इस स्थल के इतिहास को 17वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक पाया गया। मणि का कहना है कि यह खोज पहले के विचारों का खंडन करती है, जिसमें माना गया था कि अयोध्या का यह क्षेत्र 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व से अस्तित्व में है।

देश की ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें

खुदाई में गुप्त काल के बाद बड़ी संरचनाओं के प्रमाण मिले, जो किसी बड़े धार्मिक स्थल की ओर इशारा करते हैं। मूर्तियों, टेराकोटा, और अन्य वास्तुशिल्पीय तत्वों के आधार पर यह माना गया कि यह स्थल गुप्त काल के बाद एक धार्मिक केंद्र बन गया। इससे पहले यह एक रिहायशी क्षेत्र था, जिसका प्रमाण जल निकासी, चूल्हे और अन्य घरेलू संरचनाओं से मिलता है। लेकिन बाद में इसके धार्मिक स्थल में परिवर्तित होने की भी साक्ष्य मिले हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट को अपने फैसले में महत्वपूर्ण आधार माना। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्वीकार किया कि मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी, बल्कि वहां पहले से एक मंदिर जैसी संरचना मौजूद थी। बी.आर. मणि ने सरकार से आग्रह किया है कि एएसआई की इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए ताकि आम जनता को इस स्थल के ऐतिहासिक तथ्यों की सटीक जानकारी मिल सके।

Former supreme court judge rohinton fali nariman put questions on ayodhya ram mandir

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Dec 08, 2024 | 09:13 AM

Topics:  

  • Ayodhya Ram Mandir
  • Supreme Court

सम्बंधित ख़बरें

1

CJI ने अपने भांजे को HC का जज चुना, पूर्व न्यायधीश ओका बोले- मैं ये बिलकुल नहीं करता; RSS पर भी बोले

2

बाढ़ और भूस्खलन के बाद अब सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को नोटिस जारी

3

एनआईए को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर मांगा जवाब

4

अगले 8 साल, आठ CJI! लेकिन 2027 है सबसे खास… बदलने वाला है सुप्रीम कोर्ट का इतिहास

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.