चंपई सोरेन हाउस अरेस्ट, फोटो- सोशल मीडिया
Champai Soren House Arrest: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन हाउस अरेस्ट को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए उनके आवास के बाहर अधिक संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। चंपई सोरेन का आरोप है कि उन्हें घर से बाहर जाने से रोक दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने दावा किया है, “उन्हें पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने आकर बोला है कि आप यहां से नहीं जा सकते।” समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि जगह-जगह पुलिस ने कोल्हान से आने वाले उनके समर्थकों को रोका है। बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, गुमला और खूंटी से लोग आ रहे थे। सभी को रोका गया है।
रिम्स-2 के लिए प्रस्तावित जमीन के मामले को लेकर भाजपा नेता चंपई सोरेन शाम को खुलासा भी करेंगे। उन्होंने कहा कि शाम को 5 बजे उस जमीन का सारा इतिहास-भूगोल बताऊंगा। उसी समय आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
VIDEO | “I will tell everything in the evening,” says former Jharkhand CM Champai Soren as he has been put into house arrest by Ranchi Police to prevent law & order issues during tribal outfits’ protest over land acquisition.
Farmers will hold ‘Hal Joto, Ropa Ropo’ (plough… pic.twitter.com/4raCwyyc7l
— Press Trust of India (@PTI_News) August 24, 2025
सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “नगड़ी के आदिवासी/मूलवासी किसानों की आवाज उठाने से रोकने के लिए झारखंड सरकार ने आज सुबह से मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया है।.” सोरेन ने कहा कि ये कार्रवाई सरकार की दमनकारी नीति का हिस्सा है।
रांची सिटी डीएसपी केबी रमन ने भी चंपई सोरेन को हाउस अरेस्ट करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, “पूर्व मुख्यमंत्री को निषेधात्मक कार्रवाई के तहत हाउस अरेस्ट किया गया है। चंपई सोरेन को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे अपने आवास से बाहर न निकलें।” प्रशासन ने नगड़ी स्थित प्रस्तावित जमीन के आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। इसके साथ ही, प्रस्तावित स्थल तक पहुंचने से पहले 6 लेयर की बैरिकेडिंग भी लगाई गई है ताकि किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन होने पर उसे रोका जा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन किसानों की उस मांग का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें वे रिम्स-2 परियोजना के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन पर विरोध जता रहे हैं। किसानों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें उनकी जमीन से जबरन बेदखल कर रहा है।