पंजाब-हरियाणा खनौरी बॉर्डर कराया गया खाली
चंडीगढ़ : एक बड़ी खबर के अनुसार पंजाब-हरियाणा खनौरी बॉर्डर पर विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को आज अल-सुबह पुलिस ने हटा दिया है। आज भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच किसानों को हटाया गया है। वहीं उनके द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचों को हटाया गया और कई किसानों को हिरासत में लिया गया।
इसके साथ ही हरियाणा पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर किसानों की आवाजाही को रोकने के लिए लगाए गए कंक्रीट के बैरिकेड्स को भी बुलडोजर से हटा दिया है, जहां वे विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए थे। किसान पिछले साल फरवरी से ही यहां डेरा डाले हुए हैं।
#WATCH | Visuals from the Haryana—Punjab Shambhu Border, where Haryana Police is removing concrete barricades erected to restrict farmers’ movement further from where they were sitting in a protest over various demands.
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/hkqyUodLEO
— ANI (@ANI) March 20, 2025
#WATCH | Haryana Police uses bulldozers to remove concrete barricades erected at Haryana – Punjab Shambhu Border to restrict farmers’ movement further from where they were sitting on a protest over various demands.
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/Ma5SPYwT9m
— ANI (@ANI) March 19, 2025
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जानकारी दें कि, चंडीगढ़ में बीते बुधवार को केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौट रहे सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में ले लिया गया है। इस बीच, पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाना शुरू कर दिया था, जहां पर वे एक साल से अधिक समय से डेरा डाले हुए हैं।इस बाबत पुलिस ने कहा था कि अस्थायी ढांचों और मंचों के अलावा किसानों द्वारा खड़ी की गई ट्रॉलियों और अन्य वाहनों को हटाने के बाद जल्द ही दोनों राजमार्गों को खोल दिया जाएगा।
#WATCH | Punjab | Police remove farmers from Punjab-Haryana Khanauri Border who were sitting on a protest over various demands.
Amid massive police deployment – farmers were evicted, temporary structures erected by them were removed, and several farmers were detained. (19/03) pic.twitter.com/XoYQ52PqVw
— ANI (@ANI) March 19, 2025
किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि किसान नेताओं को मोहाली में तब हिरासत में लिया गया, जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू विरोध स्थल की ओर लौट रहे थे। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि राज्य के लिए जीवनरेखा सरीखे दोनों राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसान नेताओं को हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि पंजाब की ‘आप’ सरकार केंद्र और किसानों के बीच वार्ता को ‘‘विफल” करने की कोशिश कर रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब पुलिस द्वारा कई किसान नेताओं को ‘‘धोखे से” हिरासत में लेने की निंदा की और इसे देश के अन्नदाताओं का ‘‘बड़ा अपमान” करार दिया, जो अपनी “वैध” मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने यहां जारी एक बयान में कहा था कि यह बेहद दुखद है कि जिन किसानों ने देश की प्रगति, समृद्धि और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वे आज सरकारों की ‘‘किसान विरोधी” नीतियों के कारण पीड़ित हैं।
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धामी ने कहा था कि यह पंजाब सरकार के लिए शर्मनाक दिन है, क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत के तुरंत बाद किसान नेताओं को ‘‘धोखे से” हिरासत में ले लिया गया। धामी ने सवाल किया था कि क्या सरकारें किसानों से इतनी डरी हुई हैं कि वे उनसे बातचीत भी नहीं कर सकतीं। उन्होंने मांग की कि हिरासत में लिए गए किसान नेताओं और किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और सरकार उनसे माफी मांगे।
जानकारी दें कि, दोनों विरोध स्थलों पर पुलिस कार्रवाई के संकेत बीते बुधवार सुबह से ही मिलने लगे थे, क्योंकि वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। वहीं, किसान नेताओं ने चंडीगढ़ में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की किसानों ने बताया था कि दोनों प्रदर्शन स्थल के पास एम्बुलेंस, बसें, अग्निशमन और दंगा रोधी वाहन तैनात किए गए हैं। खनौरी स्थल पर लगभग 200 किसान और शंभू सीमा बिंदु पर लगभग 50 किसान मौजूद थे।
वहीं पुलिस उपमहानिरीक्षक (पटियाला रेंज) मनदीप सिंह सिद्धू के नेतृत्व में करीब 3,000 पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए खनौरी सीमा पर मौजूद थे। इसी तरह, भारी संख्या में पुलिसकर्मी सड़क खाली कराने के लिए शंभू सीमा पर भी पहुंचे थे ।खनौरी में सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सरकार ने सड़क खाली करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। तब डीआईजी ने कहा था कि पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों को अपने बुजुर्गों के समान मानती है और किसी भी टकराव के लिए नहीं आई है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संख्या 3,000 है, जो किसानों की संख्या 200 से ज़्यादा है। डीआईजी ने युवाओं को चेतावनी दी थी कि वे सुरक्षाकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार न करें।
बता दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने पर पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए थी। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। चंडीगढ़ में किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच ताजा दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी।