प्रतीकात्कम तस्वीर-ईडी
बेंगलुरुः प्रवर्तन निदेशालय ने कथित वाल्मीकि घोटाले के संबंध में धन शोधन जांच के तहत बुधवार को कर्नाटक के बेल्लारी से कांग्रेस सांसद ई. तुकाराम और पार्टी के तीन विधायकों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि तुकाराम और तीनों विधायकों के परिसरों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी की जा रही है।
इनमें तुकाराम और विधायक नारा भरत रेड्डी (बेल्लारी शहर), जे. एन. गणेश (कांपली) और एन. टी. श्रीनिवास (कुडलिगी) से संबंधित आवास शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि यह तलाशी अभियान कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) के खातों से करोड़ों रुपये की धनराशि को ‘‘फर्जी खातों” में भेजने तथा फर्जी संस्थाओं के माध्यम से काले धन को सफेद में बदलकर चुनाव खर्च में इस्तेमाल के आरोपों के संबंध में सबूत जुटाने के उद्देश्य से चलाया गया।
2024 में कर्नाटक पुलिस और सीबीआई ने दर्ज किया था मामला
आरोप है कि इस धन को 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बेल्लारी सीट के मतदाताओं एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं में वितरित किया गया। धन शोधन का मामला 2024 में कर्नाटक पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकियों से सामने आया है। प्राथमिकियों में आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) के खातों से करोड़ों रुपये की धनराशि को ‘‘फर्जी खातों” में भेजा गया और फर्जी संस्थाओं के माध्यम से काले धन को सफेद में बदला गया।
गिरफ्तारी से बच गए राहुल गांधी, मानहानि के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने दिया पेश होने का आदेश
2006 में हुई थी वाल्मीकि निगम की स्थापना
वाल्मीकि निगम की स्थापना 2006 में कर्नाटक में अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाकर मुख्य रूप से उनके सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान देने के उद्देश्य से की गई थी। कथित अनियमितताएं तब सामने आईं, जब वाल्मीकि निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी. पिछले साल 21 मई को मृत पाए गए। उन्होंने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें निगम से विभिन्न बैंक खातों में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व आदिवासी मामलों के मंत्री बी. नागेंद्र और कथित तौर पर उनसे जुड़े पांच अन्य लोगों को इस मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। नागेंद्र को बाद में जमानत मिल गई।
-एजेंसी इनपुट के साथ