Earthquake in Kutch
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में सोमवार शाम को फिर से भूकंप के तेज झटके महसूस किए। जानकारी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में चार के भीतर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिससे डरे सहमे लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। फिलहाल किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
मीडिया खबर के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दरसअल, भूकंप नेपाल में आया है, जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
Strong earthquake tremors felt in Delhi pic.twitter.com/wZmcnIfH1u
— ANI (@ANI) November 6, 2023
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के मुताबिक भूकंप 4 बजकर 16 मिनट पर नेपाल में आया है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.6 रही। जबकि, इसकी गहराई जमीन से 10 किलोमीटर अंदर रही। नेपाल में चार दिन के भीतर यह चौथा भूकंप है। यहां शुक्रवार को आए 6.4 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप से अब तक 157 लोगों की मौत हो गई है और 250 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र जाजरकोट के रमीदाना में था। यहां खोज और बचाव अभियान समाप्त कर दिया गया है।
Earthquake of Magnitude:5.6, Occurred on 06-11-2023, 16:16:40 IST, Lat: 28.89 & Long: 82.36, Depth: 10 Km ,Region: Nepal for more information Download the BhooKamp App https://t.co/TXMwjzCLks @KirenRijiju @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia @Indiametdept pic.twitter.com/HM8ZaYMlZH
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 6, 2023
भूकंप से जाजरकोट और रुकुम जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। यहां कई मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, जबकि कई मकानों की हालत ऐसी हो गई है कि वहां रहा नहीं जा सकता। लोगों ने कड़ाके की ठंड में घरों के बाहर रातें बिताई। स्थानीय लोगों ने रात भर खुद को गर्म रखने के लिए अस्थायी आश्रय बनाने के वास्ते प्लास्टिक की चादर और पुराने कपड़ों सहित जो भी सामग्री मिली, उसका उपयोग किया। लोगों हर संभव मदद प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।
शुक्रवार को आया भूकंप नेपाल में 2015 के बाद सबसे विनाशकारी भूकंप है। 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। दरअसल नेपाल उस पर्वत श्रृंखला पर स्थित है जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती हैं जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं।