वक्फ बिल, कॉन्सेप्ट फोटो
नवभारत डिजिटल डेस्क : संसद ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में भारी बहुमत से पारित कर दिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में फैली कुल 8.8 लाख वक्फ संपत्तियों में से 73,000 से अधिक संपत्तियां विवाद के घेरे में हैं। नए विधेयक के प्रावधान इन संपत्तियों पर सीधा असर डाल सकते हैं।
इस इस एक्सप्लेनर स्टोरी को आगे बढ़ाने से पहले, समझ लेते हैं कि वक्फ प्रॉपटी है क्या? दरअसल, वक्फ एक इस्लामी परंपरा है जिसमें कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक, सामाजिक या निजी उद्देश्यों के लिए समर्पित करता है। इस संपत्ति की मालिकाना हक भगवान (अल्लाह) के नाम होता है, जबकि इसका लाभ निर्धारण के अनुसार लोगों को मिलता है। इन संपत्तियों का रिकॉर्ड भारत सरकार द्वारा बनाए गए Waqf Assets Management System of India (WAMSI) में दर्ज होता है, जिसमें प्रबंधन, प्रकार और वर्तमान स्थिति की जानकारी होती है।
देश में वक्फ की कुल 8.8 लाख वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश अकेले 2.4 लाख संपत्तियों के साथ सबसे आगे है। इसके बाद पश्चिम बंगाल (80,480), पंजाब (75,511), तमिलनाडु (66,092) और कर्नाटक (65,242) का स्थान है। बिहार और उत्तर प्रदेश ही ऐसे राज्य हैं जिनके पास अलग-अलग सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड हैं, बाकी राज्यों में एकीकृत वक्फ बोर्ड हैं।
इन संपत्तियों में से करीब 6.2 लाख संपत्तियां कब्रिस्तान, कृषि भूमि, मस्जिद, दुकानें या आवासीय घर हैं। अकेले कब्रिस्तान ही कुल वक्फ संपत्तियों का 17.3% हैं, वहीं कृषि भूमि 16% और मस्जिदें 14% हिस्सेदारी रखती हैं।
सबसे ज्यादा विवादित वक्फ संपत्तियां पंजाब में हैं, जहां कुल 75,511 संपत्तियों में से 56.5% को अतिक्रमित माना गया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 3,742 और उत्तर प्रदेश में 3,044 संपत्तियां विवादित वक्फ की प्रॉपटी हैं।
वक्फ (संशोधन) विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, राज्य वक्फ बोर्ड की संरचना और विवाद समाधान में राज्य सरकार की भूमिका को पुनः परिभाषित करता है। इसके अंतर्गत वक्फ विवादों को हल करने के लिए जिला जज और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी वाले ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
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आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि यह विधेयक ऐसे समय में लाया गया है जब बाबरी मस्जिद जैसी ऐतिहासिक वक्फ संपत्ति पर लंबे समय तक विवाद चल चुका है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2019 में इसका निपटारा हुआ था, जिसके बाद राम मंदिर निर्माण शुरू हुआ।