मांथा चक्रवात को लेकर हाई अलर्ट, (सोर्स-सोशल मीडिया)
Cyclone Montha Red Alert: अरब सागर से उठे मांथा चक्रवात ने दक्षिण भारत के कई तटीय राज्यों में खतरे की घंटी बजा दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में अगले 48 घंटों के भीतर भारी बारिश, तेज हवाओं और समुद्री ऊथल-पुथल की चेतावनी जारी की है। इसके चलते कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और मछुआरों को समंदर में जाने से सख्त मना किया गया है।
IMD के मुताबिक, मांथा चक्रवात वर्तमान में अरब सागर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में सक्रिय है और धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है। संभावना है कि यह अगले दो दिनों में तीव्र चक्रवातीय तूफान का रूप ले सकता है।
केरल और कर्नाटक के तटीय जिलों में 70 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। वहीं आंध्र प्रदेश और ओडिशा के दक्षिणी जिलों में 100 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाओं और भारी वर्षा का अनुमान जताया गया है। चक्रवात के खतरे को देखते हुए केरल के कोल्लम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिवेंद्रम जिलों में सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद रखने का आदेश दिया गया है।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम और विजयवाड़ा में भी स्थानीय प्रशासन ने छुट्टी की घोषणा की है। वहीं, ओडिशा में भी गंजाम और गजपति जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
तटीय सुरक्षा बल और नौसेना ने सभी बंदरगाहों पर निगरानी बढ़ा दी है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है, क्योंकि ऊंची लहरों और तेज हवाओं से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। राज्य सरकारों ने राहत-बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है, जबकि NDRF की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दी गई हैं। तेज हवाओं और बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है। रेल और बस सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है। प्रशासन ने लोगों को घरों के भीतर रहने और गैर-जरूरी यात्राएं टालने की अपील की है।
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मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मांथा चक्रवात का असर अगले तीन से चार दिनों तक बना रह सकता है। इस दौरान तटीय इलाकों में भारी वर्षा, जलभराव और पेड़ गिरने की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। राज्य सरकारों ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करने को कहा है।