राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमिटी (CWC) की अहम बैठक बीते शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई, जिसमें पार्टी की हाल की हार और संगठनात्मक चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के नेताओं से कहा कि आगामी चुनावों में सफलता पाने के लिए केवल राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं, बल्कि राज्य स्तर के मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। खड़गे ने यह भी कहा कि पार्टी को अपनी कमजोरियों को सुधारते हुए, मूड को जीत में बदलने की दिशा में काम करना होगा।
बैठक में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक महत्वपूर्ण बात उठाई। उन्होंने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के काम के बोझ को लेकर चिंता जताई और कहा कि वेणुगोपाल के कंधों पर बहुत अधिक जिम्मेदारी है। रावत ने सुझाव दिया कि पार्टी के विभिन्न कार्यों की जिम्मेदारी अन्य नेताओं के बीच बांट दी जानी चाहिए, ताकि वेणुगोपाल पर दबाव कम हो सके।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पार्टी की हाल की विधानसभा चुनावों में हुई हार पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि पार्टी को इन नतीजों से सबक लेते हुए, संगठन में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद विधानसभा चुनावों में धक्का लगना, पार्टी के लिए एक चेतावनी है। खड़गे ने पार्टी के नेताओं से कहा कि उन्हें कठोर फैसले लेने होंगे और संगठन को मजबूत करने के लिए समर्पण से काम करना होगा।
इस दौरान, पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि खड़गे जी को पार्टी में आपसी मतभेदों और बयानबाजी पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही, कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ शीर्ष नेतृत्व के संवाद को बहाल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मोहन प्रकाश ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सीधे कार्यकर्ताओं से संवाद करना चाहिए ताकि कार्यकर्ताओं को पार्टी के फैसलों में शामिल किया जा सके।
इसके अलावा, खड़गे ने संकेत दिया कि पार्टी में बड़े बदलाव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा और आगामी चुनावों में सतर्कता बरतनी होगी। पार्टी में अनुशासन और एकता की जरूरत को महसूस करते हुए खड़गे ने कहा कि जीत और हार दोनों ही पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
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