जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खरगे
Mallikarjun Kharge on Jagdeep Dhankhar Resign: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया है कि राज्यसभा के सभापति रहते हुए उन्होंने विपक्ष को कथित रूप से बोलने नहीं दिया। खरगे ने कहा कि जब उन्होंने खुद बोलना शुरू किया तथा कई मुद्दों पर जिनपर पहले सरकार का मजबूती से बचाव किया करते थे, मानने से मना करने लगे तो वह बाहर कर दिए गए।
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जगदीप धनखड़ को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष का प्रस्ताव वापस लेने के लिए धमकाया गया और उन पर दबाव डाला गया।
गौरतलब है कि पिछले महीने मॉनसून सत्र के पहले दिन ही रात को अचानक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा भेज दिया। इससे सवाल उठने लगे कि क्या वाकई उनके इस्तीफे की यही वजह है। क्योंकि, उन्होंने दिन में राज्यसभा की कार्यवाही का सही से संचालन भी किया था।
अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बहुत ही सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि धनखड़ से कहा गया कि या तो प्रस्ताव वापस ले लें या फिर इस्तीफा दे दें। इसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि अपने कार्यकाल के दौरान जगदीप धनखड़ ने कथित तौर पर विपक्ष को बोलने नहीं दिया और यहां तक कि एक सांसद को 2023 में सात महीने तक निलंबित भी कर दिया था। खरगे ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति हमें बोलने नहीं देते थे। वो अक्सर हमें निलंबित कर देते थे। खरगे ने कहा कि हमारी एक महिला सांसद को सात महीने तक निलंबित रखा गया।
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बता दें कि वे कांग्रेस सांसद रजनी अशोकराव पाटिल का की बात कर रहे थे, जिनको 2023 के बजट सत्र में सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने तथा उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर संसदीय नियमों के उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। सके बाद अगस्त में उनका निलंबन रद्द किया गया था।