चुनाव आयोग
SIR News: कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, आरोप यह था कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया आदिवासी समुदाय को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने की एक सुनियोजित साजिश है। पार्टी के आदिवासी विभाग के प्रमुख विक्रांत भूरिया ने कहा कि आदिवासियों के लिए एक ठोस प्रवासन नीति बनानी चाहिए, क्योंकि लगातार पलायन के कारण बड़ी संख्या में लोग गांवों से दूर हो गए हैं।
विक्रांत भूरिया ने दिल्ली में कहा कि एसआईआर इतनी जल्दबाजी में किया गया कि इसका सबसे ज़्यादा असर आदिवासी समुदाय पर पड़ा। उन्होंने बताया कि अधिकांश राज्यों में आदिवासी रोजगार की तलाश में बाहर चले गए हैं, और कई जगहों पर 70% तक गांव खाली पड़े हैं। जब लोग अपने घरों में नहीं थे, ठीक उसी समय सरकार ने मतदाता सूची की प्रक्रिया शुरू कर दी। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि आदिवासी समुदाय को जानबूझकर वोटिंग प्रक्रिया से बाहर रखने की कोशिश की गई।
इसके अलावा, विक्रांत भूरिया ने मध्य प्रदेश की सिविल जज परीक्षा 2022 पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि प्रदेश में लगभग 2 करोड़ आदिवासी रहते हैं, लेकिन इस परीक्षा में आदिवासियों के लिए आरक्षित 121 सीटों में से एक भी आदिवासी उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ। भूरिया ने आरोप लगाया कि यह संयोग नहीं हो सकता, और इसे आरक्षण को खत्म करने की सुनियोजित कोशिश बताया। उनका कहना था कि यह सिलसिला 2021 से लगातार चल रहा है।
विक्रांत भूरिया ने मांग की कि सिविल जज परीक्षा-2022 को रद्द किया जाए और इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल आदिवासी समाज के खिलाफ एक व्यवस्थित योजना का हिस्सा है।
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कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है, और कहा है कि आदिवासी समुदाय को न्याय और समान अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।