चार धाम यात्रा 2025 (फाइल फोटो)
Chardham Yatra 2025: आज अक्षय तृतीया के मौके पर ही शुभ चारधाम यात्रा की शुरूआत हो रही है। अक्षय तृतीया और चारधाम यात्रा का आध्यात्मिक महत्व होता है जिसके बारे में पवित्र ग्रंथों में उल्लेख किया गया है। चारधाम यात्रा के दौराना आज 30 अप्रैल को पहले दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। यहां पर दर्शन करने के लिए भक्तों ने बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराए है।
हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा को प्रमुख तीर्थ यात्रा में से एक माना जाता है इसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की पूजा आ जाती है। 1200 साल पुरानी इस चारधाम यात्रा का लाभ पाने के लिए भक्त बड़ी संख्या में उत्तराखंड पहुंचते है। ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने का समय क्या रहेगा…
चारधाम यात्रा में आज पहले दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने वाले है। अक्षय तृतीया होने की वजह से गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर खुलेंगे। कपाट खुलने के साथ ही पवित्र तीर्थयात्रा चारधाम यात्रा की शुरूआत हो जाएगी। इसके साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर के समय 11 बजकर 55 मिनट पर खुलेंगे। जहां पर भक्तों का इंतजार खत्म होगा और वे चारधाम यात्रा का लाभ पाएंगे। चारधाम यात्रा में शामिल होने के लिए केवल देश ही नहीं विदेशों से भी भक्त पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि, अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा जाता है इसलिए इस दिन से चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाती है।
#WATCH | उत्तरकाशी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की।
आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। pic.twitter.com/eTHEKHSi5Y
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2025
हिंदू धर्म में प्रमुख तीर्थयात्राओं में चारधाम यात्रा का महत्व बताया गया है। चार धाम यानि, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा को मानते है। यह चार पवित्र स्थलों का महत्व होता है क्योंकि यहां पर भगवान का वास माना जाता है। कहते हैं कि, यमुनोत्री धाम यमुना नदी का स्त्रोत स्थल माना जाता है तो गंगोत्री धाम को गंगा नदीं के स्त्रोत से जोड़कर देखा गया है। इसके अलावा केदारनाथ धाम में भगवान शिव का निवास होता है। इसके अलावा बद्रीनाथ धाम की बात करें तो, इसे आठवां बैकुंठ कहते हैं। , जहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में तो 6 माह जागते हैं।
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इन चार धाम में पहुंचने के लिए यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गढ़वाल हिमालय में स्थित है तो वहीं पर गंगोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में राजश्री गढ़वाल हिमालय में स्थित है। साथ ही केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल हिमालय में स्थित है और बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।