कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले हुए। बैठक में देश भर के किसानों को सरकार ने त्यौहारी तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने रबी की फसलों का MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने रबी सीजन की प्रमुख फसल सरसों और गेहूं के साथ 3 अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। सरसों की फसल पर 300 रुपये तो वहीं गेहूं पर 150 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरसों का नया MSP अब 5950 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अलावा, गेहूं का MSP भी 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2425 रुपये कर दिया गया है। इस निर्णय से देशभर के कई किसानों को फायदा होगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
चना, मसूर सैफ्लावर का नया रेट
इनके अलावा चना,मसूर और सैफ्लावर की फसलों का भी MSP बढ़ा है। चने के रेट में 250 रुपये तो वहीं मसूर के रेट में 275 रुपये की वृद्धि हुई है। अब चने का रेट 5440 रुपये प्रति क्विंटल से 5650 रुपये हो गया है। साथ मसूर का नया रेट 6700 हो गया है, जो पहले 6425 रुपये था। वहीं सैफ्लावर के रेट में 140 रुपये बढ़ें हैं, जिसका नया मूल्य 5,940 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सरकार के इस फैसले देशभर के किसानों को आर्थिक लाभ होगा। इसके साथ फसलों के रेट को लेकर नाराज लोगों की सरकार से नाराजगी भी कम हो जाएगी।
धरनारत किसानों से उम्मीद
इस दौरान अश्ननी वैष्णव ने अपनी हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरनारत किसानों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में कई फैसले लिये हैं। हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा वैष्णव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कैबिनेट के फैसलों के मद्देनजर किसान उचित फैसला लेंगे।
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क्या होता है MSP
Minimum Support Price जिसे हिंदी में न्यूनतम समर्थन मूल्य कहा जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह वो कीमत है जिसे सरकार द्वारा किसानों की फसलों के लिए तय करती है। इसी कीमत पर सरकारी क्रय केंद्रों पर फसल खरीदी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि फसल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से किसानों को सुरक्षा मिले। जब बाजार में फसलों की कीमतें गिरती हैं, तब MSP किसानों को एक स्थिर आय प्रदान करता है, जिससे वे आर्थिक संकट से बच सकें।