गृह मंत्री अमित शाह, पीएम मोदी और जेपी नड्डा (Image- Social Media)
BJP President News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव टाल दिया है। इसे सितंबर में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद तक टालने का फैसला किया है। ये कदम 2024 के बाद बदले राजनीतिक हालात में पार्टी के अंदरूनी ढांचे को संभलकर ढालने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनाव 2024 के बाद ही खत्म होना था, लेकिन अब पार्टी ने यह तय किया है कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति सितंबर में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद ही की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट में एक वरिष्ठ नेता के हवाले से यह भी कहा गया कि बिहार चुनाव से पहले इस पर फैसला हो सकता है।
बता दें कि उपराष्ट्रपति देश के दूसरे सर्वोच्च पद के साथ-साथ राज्यसभा का सभापति भी होता है। मीडिया रिपोर्ट में एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस समय पार्टी दोहरी नेतृत्व संरचना से बचना चाहती है। उनका कहना है कि नया अध्यक्ष आने से संगठन में नई हलचल होती है और राज्य स्तर पर नीतियों में बदलाव, कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारी, और रणनीति में भी बदलाव हो सकता है। फिलहाल, पार्टी को संयम, स्थिरता और एकता की जरूरत है, जिससे संसद के अहम सत्रों को संभाला जा सके। साथ ही बिहार व बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारी भी की जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने नए अध्यक्ष के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के नामों पर चर्चा भी की है, जिनमें संगठनात्मक अनुभव, प्रशासनिक क्षमता और संघ से संबंध तथा चुनावी दक्षता जैसे मानदंड देखे जा रहे हैं। पार्टी ऐसे नेता को नया अध्यक्ष बनाना चाहती है, जो मोदी-शाह की 2029 तक की रणनीति से मेल खाने वाला हो।
भाजपा की रणनीति में ये भी शामिल है कि आने वाली पीढ़ी के नेताओं को तैयार किया जाए, इसके साथ ही पार्टी की मुख्य विचारधारा और नेतृत्व की लय भी बरकरार रखना चाहती है।
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फिलहाल अध्यक्ष की घोषणा टालने से पार्टी में गुटबाजी की अटकलों से बचने में मदद मिलेगी, खासकर जब उपराष्ट्रपति चुनाव में हर एक सहयोगी और हर एक वोट महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे पार्टी को ये सोचने का वक्त भी मिलेगा कि नए अध्यक्ष में जातीय, क्षेत्रीय तथा पीढ़ीगत तौर पर बैलेंस कैसे बनाया जाए।