असदुद्दीन ओवैसी, फोटो- सोशल मीडिया
Asaduddin Owaisi On AI Video: असम बीजेपी के सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को लेकर चेतावनी दी गई है, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध जताया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस ने इस वीडियो को नफरत फैलाने वाला बताया है।
बीजेपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘असम विदआउट बीजेपी’ शीर्षक से एक एआई वीडियो पोस्ट किया है। वीडियो में दावा किया गया है कि अगर बीजेपी नहीं रही तो असम में मुस्लिम आबादी 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। साथ ही, राज्य में घुसपैठ और भी आसान हो जाएगी।
वीडियो में एयरपोर्ट, स्टेडियम, पार्क और सार्वजनिक जगहों पर केवल मुस्लिम लोगों को दिखाया गया है, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि मुसलमान हर क्षेत्र पर काबिज़ हो जाएंगे। वीडियो के अंत में यह अपील की गई है कि लोग सोच-समझकर वोट करें और “पाईजान का सपना” पूरा न होने दें। यह टिप्पणी कांग्रेस नेता और असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई के एक पुराने बयान पर तंज के रूप में मानी जा रही है।
We can’t let this dream of Paaijaan to be true!! pic.twitter.com/NllcbTFiwV
— BJP Assam Pradesh (@BJP4Assam) September 15, 2025
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वीडियो को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह हिंदुत्व की घिनौनी विचारधारा का खुला प्रदर्शन है। उनके अनुसार, बीजेपी का सपना है मुस्लिम मुक्त भारत बनाना और उनके पास विकास के लिए कोई वास्तविक योजना नहीं है।
BJP Assam has posted a disgusting AI video that shows a Muslim-majority Assam if there was no BJP. They are not fear-mongering just for votes, this is the repulsive Hindutva ideology in true form. The very existence of Muslims in India is a problem for them, their dream is a…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 17, 2025
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी चुनाव आयोग को घेरते हुए कहा कि क्या आयोग इस जहर को देखते हुए भी चुप रहेगा। उन्होंने पूछा कि क्या इस तरह के वीडियो चुनावी मर्यादाओं और नियमों का उल्लंघन नहीं हैं।
असम बीजेपी प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने वीडियो का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल डेमोग्राफिक परिवर्तन को दिखाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि असम के 14 जिलों में आबादी का संतुलन तेजी से बदल रहा है और यह चिंता का विषय है। उनके अनुसार, बीजेपी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि अवैध घुसपैठियों के खिलाफ है जो राज्य के संसाधनों पर बोझ बन रहे हैं।
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इस पूरे घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले असम में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज हो सकता है। विपक्ष जहां इसे नफरत फैलाने की साजिश बता रहा है, वहीं बीजेपी इसे जनसंख्या संतुलन और सुरक्षा का मुद्दा बता रही है।