Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

वो शख्स जिसने गणेशोत्सव से ‘स्वराज्य’ आंदोलन में फूंकी जान, बन गए भारत के ‘तिलक’

Bal Gangadhar Tilak Birth Anniversary: गणेशोत्सव के जनक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की आज जयंती है। उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई।

  • By आकाश मसने
Updated On: Jul 23, 2025 | 06:49 AM

लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिनचंद्र पाल (सोर्स: सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Bal Gangadhar Tilak Birth Anniversary: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती 23 जुलाई को मनाई जाती है। तिलक का जन्म महाराष्ट्र के कोंकण प्रदेश (रत्नागिरि) के चिक्कन गांव में 23 जुलाई 1856 को हुआ था। इनके पिता गंगाधर रामचंद्र तिलक एक धर्मनिष्ठ ब्राह्मण थे। अपने परिश्रम के बल पर शाला के मेधावी छात्रों में बाल गंगाधर तिलक की गिनती होती थी। वे पढ़ने के साथप्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम भी करते थे, अतः उनका शरीर स्वस्थ और पुष्ट था।

सन् 1879 में उन्होंने बी.ए. तथा कानून की परीक्षा उत्तीर्ण की। घरवाले और उनके मित्र संबंधी यह आशा कर रहे थे कि तिलक वकालत कर धन कमाएंगे और वंश के गौरव को बढ़ाएंगे, परंतु तिलक ने प्रारंभ से ही जनता की सेवा का व्रत धारण कर लिया था।

परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से एक शिक्षण संस्था के निर्माण को दे दीं। सन् 1880 में न्यू इंग्लिश स्कूल और कुछ साल बाद फर्ग्युसन कॉलेज की स्थापना की। वे हिन्दुस्तान के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।

स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है का दिया नारा

बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे। उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई। तिलक का यह कथन कि ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ बहुत प्रसिद्ध हुआ।

लोग उन्हें आदर से ‘लोकमान्य’ नाम से पुकार कर सम्मानित करते थे। उन्हें हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता भी कहा जाता है। तिलक पत्रकारिता के माध्यम से लगातार अंग्रेजी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। वह दो समाचार पत्रों का संपादन करते थे।

मराठा दर्पण और केसरी, इसमें वह ब्रिटिश शासन की क्रूरता के खिलाफ जमकर लिखते थे। वह लोगों के बीच इतना लोकप्रिय हो गए कि उन्हें लोकमान्य की पदवी दे दी गई।

गणेशोत्सव व शिवाजी उत्सव की शुरुआत

लोकमान्य तिलक ने नारा दिया था, ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा।’ इस नारे ने स्वतंत्रता आंदोलन में नई जान फूंक दी। उन्होंने स्तंत्रता आंदोलन में लोगों को एकजुट करने और अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र में गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव का आयोजन शुरू करवाया और इसे एक हफ्ते मनाया जाता था। तिलक गणित और संस्कृति से स्नातक थे।

बाल गंगाधर तिलक ने शुरू किया था गणेशाेत्सव (सोर्स: सोशल मीडिया)

तिलक ने बनाया गरम दल

जब बाल गंगाधर तिलक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में थे तभी उन्होंने देखा कि कांग्रेस ब्रिटिश हुकूमत के प्रति नरम रवैया अपना रही है। उन्होंने इसका विरोध किया। 1907 में कांग्रेस दो टुकड़े में विभाजित हो गई। एक नरम दल बन गया और दूसरा गरम दल।

यह भी पढ़ें:- वो नेता जिसने इंदिरा के विरोध में छाेड़ा स्कूल, आज हैं सबसे अमीर सूबे के मुखिया

बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिनचंद्र पाल गरम दल में थे। इसे लाल-बाल-पाल की तिकड़ी के नाम से जाना जाता था। उन तीनों का नाम सुनकर उस वक्त अंग्रेज अफसरों के भी पसीने छूट जाया करते थे।

6 साल काटी जेल

क्रांतिकारियों का पक्ष लेने की वजह से उन्हें 1908 में गिरफ्तार कर लिया गया और 6 साल की कैद की सजा सुना दी गई। जेल में रहने के दौरान ही उन्होंने गीता का अध्ययन किया और गीता रहस्य नाम की टीका लिखी। गीता रहस्य को आज तक का सबसे अच्छा भाष्य माना जाता है। केसरी में उनके लेखों की वजह से कई बार उन्हें जेल जाना पड़ा। 1 अगस्त 1920 को मुंबई में उनका निधन हो गया था।

Bal gangadhar tilak birth anniversary ganeshotsav independence movement

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jul 23, 2025 | 04:50 AM

Topics:  

  • Birth Anniversary
  • Congress
  • Ganeshotsav
  • Indian History
  • Maharashtra News

सम्बंधित ख़बरें

1

महाराष्ट्र-कर्नाटक के बाद MP में भी हुई लाखों की ‘वोट चोरी’, EC ने 27 सीटों पर अचानक से बदली…

2

महाराष्ट्र में बारिश का कहर: 12 की मौत, CM फडणवीस बोले- अगले 48 घंटे बेहद अहम, हाई अलर्ट जारी 

3

$1.5 ट्रिलियन इकोनॉमी: महाराष्ट्र के विकास की नई उड़ान @ MH 1st Conclave 2025

4

एशिया कप स्क्वॉड पर सियासी बवाल, प्रियंका चतुर्वेदी का BCCI पर हमला, बोलीं- भारत-पाक मैच शर्मनाक

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.