मनोज झा व नरेन्द्र मोदी (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा से पास होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा हो रही है। गुरुवार को राज्यसभा में कई सांसदों ने वक्फ विधेयक पर अपने विचार रखे। राज्यसभा में बहस के दौरान सांसद मनोज झा ने एक बार फिर अपने शानदार उदाहरणों के जरिए सरकार पर हमला बोला।
राजद सांसद मनोज झा की गिनती तेज तर्रार वक्ताओं में होती है। लोग उनके बयानों को ध्यान से सुनते हैं। वक्फ विधेयक पर चर्चा के दौरान उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव के वायरल पुराने वीडियो पर भी चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ईदगाह’ का भी जिक्र किया।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का एम्स में इलाज चल रहा है। कल उनका एक वीडियो काटकर सोशल मीडिया पर खूब चलाया गया। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के बाद भरोसे के मुद्दे थे। मुझे पता है कि दोनों पक्ष तैयारी के साथ आए हैं। हम गार्डेन के साथ हैं और वे आर्यन के साथ हैं। आइए देश के माहौल पर एक नजर डालते हैं।
वक़्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक पर माननीय सांसद श्री मनोज झा जी को सुनिए। राष्ट्रीय जनता दल और आदरणीय नेता श्री लालू जी देश के मुस्लिम समाज के साथ सीना तान के खड़े हैं। pic.twitter.com/1dzqz8oCMy — Priyanshu Kushwaha (@PriyanshuVoice) April 3, 2025
मनोज झा ने आगे कहा कि जब भी आर्थिक बहिष्कार की बात होती है, जब भी पुरानी मस्जिद के नीचे कुछ खोजा जाता है। पूजा स्थल अधिनियम पर सवाल उठाए जाते हैं। ऐसे माहौल में जब आपके बिल की विषय-वस्तु और मंशा मेल खाती है, तो डर लगता है। आप भी चुने गए हैं, हम भी चुने गए हैं।”
इसके बाद मनोज झा ने मुंशी प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का जिक्र किया और कहा, हम सबने बचपन में यह कहानी जरूर पढ़ी होगी। ईदगाह की कहानी हामिद नाम के एक बच्चे की है। जो ईद के मेले से अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदता है।
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मनोज झा ने आगे कहा कि क्या कोई बता सकता है कि दुकानदार हरखू था या हरेंद्र। हामिद खरीदेगा तो वहां से खरीदेगा, हरखू खरीदेगा तो हरेंद्र के पास जाएगा। इस देश के हिंदू मुसलमानों के आदी हैं, मुसलमान हिंदुओं के आदी हैं। ईसाई और सिख हिंदू और मुसलमानों के आदी हैं। इस आदत को मत बदलिए।
मनोज झा ने आगे कहा कि मैं कल गृह मंत्री को सुन रहा था। वे वक़्फ़ का मतलब बहुत अच्छे से समझा रहे थे। तैयारी के मामले में कुछ समानता है। आप पहली बार सुधार नहीं कर रहे हैं, आगे भी सुधार किए जाएँगे। बाबा साहब को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि आज अलगाव और बहिष्कार दोनों ही बहुत हैं। यह ठीक नहीं है।