केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो- सोशल मीडिया)
श्रीनगर: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहली बार गृहमंत्री ने पुंछ का दौरा किया है। दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे गृहमंत्री का स्वागत जम्मू एयरपोर्ट पर राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और राजनीतिक अधिकारियों ने किया। इस दौरान वे न केवल सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित लोगों की पीड़ा भी सुनेंगे। बीएसएफ मुख्यालय में जवानों से मुलाकात और सिंह सभा गुरुद्वारे में दर्शन करने के साथ वे शहीदों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंप सकते हैं। इस दौरे को बेहद संवेदनशील और अहम माना जा रहा है।
गृहमंत्री की यात्रा से ठीक पहले बीएसएफ के शीर्ष अधिकारी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पुंछ और आसपास के इलाकों में व्यापक तैयारियां कीं। सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में गहन तलाशी और अतिरिक्त नाके लगाकर निगरानी तेज कर दी गई है। यह दौरा केवल सुरक्षा आकलन तक सीमित नहीं, बल्कि स्थानीय जनता के मनोबल और सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाने वाला है।
सुरक्षा समीक्षा और संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा
गृहमंत्री जम्मू से सीधे राजभवन पहुंचे जहां एकीकृत मुख्यालय की बैठक में शामिल होकर उन्होंने सुरक्षा की स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद वे पुंछ रवाना हुए, जहां शुक्रवार सुबह उन्होंने बीएसएफ के टेक्टिकल मुख्यालय का दौरा कर जवानों से संवाद किया। इसके साथ ही गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी स्थिति को समझने के लिए वे सिंह सभा गुरुद्वारे और अन्य इलाकों में भी पहुंचे।
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गोलाबारी पीड़ितों से मुलाकात, परिजनों को राहत
पुंछ के डाक बंगले में गृहमंत्री ने पाकिस्तान की गोलाबारी में मारे गए नागरिकों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना जताई और उन्हें संभवत: नियुक्ति पत्र भी सौंपे। यह दौरा मई के पहले सप्ताह में हुई भीषण गोलाबारी की पृष्ठभूमि में बेहद अहम है, जिसमें सबसे ज्यादा मौतें पुंछ में हुई थीं। गृहमंत्री की यह यात्रा सीमावर्ती जनता के साथ सरकार की खड़े रहने की नीति को और स्पष्ट करती है। बता दें ऐसी भी संभावना बताई जा रही है कि पीडितों को ग्रहमंत्री शाह नौकरी के नियुक्ति पत्र इसी समय सौंप सकते हैं।