असम दौरे के दौरान अमित शाह। इमेज-सोशल मीडिया
Amit Shah Mission: नए साल से पहले ही देश की राजनीति पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी को अंतिम रूप देने में सक्रिय हैं। उनका अभियान पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम में कुल 15 दिन और एक ही लक्ष्य-भाजपा की जीत। हर राज्य में उनकी रणनीति अलग-अलग होगी। मगर, संदेश स्पष्ट है-2026 को निर्णायक चुनावी वर्ष बनाने के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार है।
असम दौरे के बाद अमित शाह मंगलवार देर रात कोलकाता पहुंचे। यहां आज और कल संगठन से जुड़ी बैठकों और चुनावी रणनीति पर चर्चा का दौर चलेगा। 294 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 77 सीटें हैं। 38% वोट शेयर के साथ पार्टी को सत्ता के काफी करीब माना जाता है। भाजपा की योजना है कि भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को केंद्र में रखकर सत्ता परिवर्तन का माहौल बनाया जाए। सूत्रों के अनुसार केंद्र की योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन को राज्य सरकार के वादों से तुलना करना इस रणनीति का मुख्य आधार रहेगा। तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ यह मुकाबला भाजपा के लिए इस चुनावी सफर का सबसे बड़ा और सबसे चुनौतीपूर्ण मोर्चा माना जा रहा।
जनवरी के पहले हफ्ते में शाह तमिलनाडु का दौरा करने वाले हैं। 234 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा की मौजूदगी बहुत सीमित है। पार्टी के पास सिर्फ 4 सीटें और 2.5% वोट शेयर है। ऐसे में पार्टी का मुख्य लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि संगठन को मजबूत बनाना है। रणनीति में संगठन के विस्तार के साथ एआईएडीएमके के साथ गठबंधन को और पुख्ता करना, सीट बंटवारे को तय करना और शहरी एवं युवा मतदाताओं तक प्रभावी पहुंच बनाना शामिल हैं। द्रविड़ राजनीति के इस मजबूत किले में पार्टी फिलहाल भविष्य के लिए जमीन तैयार करने पर ज्यादा जोर दे रही।
अमित शाह जनवरी के दूसरे सप्ताह में केरल का दौरा करेंगे। 140 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सीटों के लिहाज से सफलता नहीं मिली है। मगर, 12% वोट शेयर ने पार्टी को उम्मीद बनाए रखी है। हाल के निकाय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन और पिछली लोकसभा चुनाव में त्रिशूर सीट पर मिली जीत ने संगठन को आत्मविश्वास दिया है। इस ऊर्जा के साथ भाजपा राज्य में खुद को कांग्रेस और वाम मोर्चे के बीच मजबूत तीसरे विकल्प के रूप में स्थापित करने की रणनीति पर काम कर रही।
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शाह की असम यात्रा कल शाम पूरी हो गई। 126 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा 60 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। एनडीए 75 सीटें लेकर सत्ता में है। 33% वोट शेयर के आधार पर पार्टी का साफ लक्ष्य तीसरी बार सरकार बनाना है। दूसरी ओर शाह के इस चुनावी कार्यक्रम ने विपक्ष को भी सक्रिय कर दिया है। कांग्रेस और टीएमसी का आरोप है कि भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और ध्रुवीकरण का सहारा ले रही। टीएमसी का कहना है कि बंगाल में भाजपा की रणनीति पहले भी असर नहीं दिखाई है। 2026 में लोग फिर ममता के साथ खड़े होंगे। भाजपा का तर्क है कि यह दौरा राजनीतिक दबाव बनाने के लिए नहीं, बल्कि संगठन को मजबूत करने का अभियान है।