वक्फ के लिए कुर्बानी.... मुस्लिम बोर्ड की ‘अंगड़ाई’ से मचा सियासी बवाल! मोदी सरकार की हुकूमत को कहा ‘बुजदिल’
नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर वक्फ संशोधन बिल के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े तमाम संगठनों का मानना है कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित परिवर्तन स्वायत्तता के लिए खतरा है। वक्फ बिल बोर्ड की वित्तीय तथा प्रशासनिक स्वतंत्रता पर इससे असर पड़ेगा। इसलिए पूरे देश में इसका विरोध किया जा रहा है। AIMPLB तथा अन्य संगठनों ने साफ किया है कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगा। इस प्रदर्शन में धार्मिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता तथा आम जनता भी शामिल होगी।
इस विरोध प्रदर्शन से सियासी हलचल भी तेज हो गई है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद ईटी बशीर, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अबू ताहिर तथा CPI महासचिव सैयद अजीज पाशा भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके अलावा, CPIML के सांसद राजा राम सिंह भी इस आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे।
प्रदर्शन के दौरान AIMPLB के उपाध्यक्ष उबैदुल्लाह आज़मी ने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि संविधान हमें अपने मजहबी मामलों की हिफाजत की जिम्मेदारी देता है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह हमारे लिए नमाज और रोज़ा जरूरी है, वैसे ही वक्फ की हिफाजत भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि वक्फ की जमीन को खुर्द-बुर्द करने वालों के खिलाफ एक्शन लेती, लेकिन इसके बजाय सरकार ने खुद ही वक्फ पर कब्जा करने के लिए कानून बना दिया है।
आजमी ने आगे कहा कि भारत को हमने ताबेदारी की बुनियाद पर नहीं, बल्कि वफादारी की बुनियाद पर कबूल किया था। ये देश किसी के बाप की जागीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सबकुछ हड़पकर जाओगे और मिल्लत खामोश बैठी रहेगी, ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि 1200 साल से इस मुल्क की खिदमत कर रहे हैं तथा मुस्लिम समाज ने हमेशा इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘इंडिया गेट पर सबसे ज्यादा मुसलमानों का लहू बहा है और अभी तो यह अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। वक्फ की हिफाजत के लिए बोर्ड कमर कसकर मैदान में उतरेगा तथा संविधान की सुरक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार रहेगा।
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AIMPLB के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जैसे किसानों ने मजबूर किया था कि सरकार को कृषि कानून वापस लेना पड़ा, वैसे ही वे कोशिश करेंगे कि ये वक्फ संशोधन विधेयक पास ही न हो। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगर हुकूमत इतनी बुजदिल है कि लोगों की बात तक नहीं सुन सकती, तो ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का हक नहीं है।