अधीर रंजन चौधरी और पीएम मोदी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली में जैसे-जैसे सोमाली हवाओं की आमद बढ़ रही है। ठंड जितनी गहराती जा रही है। ठीक उसी अनुपात में सूबे का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की आंच पर गर्म हो रही इस सियासत में सियासी दल और सियासतदान लगातार घी डाल रहे हैं। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में बंगाल की एंट्री हो गई है। जिसे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीधा नेताजी सुभाषचंद्र बोस एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर लैंड कराया है।
दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहां है कि बंगाली भाषी छात्रों और उनके परिवारों को बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाशी के नाम पर परेशान किया जा रहा है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल प्रेसीडेंसी देश का सबसे बड़ा प्रांत था और तब से बंगाली भाषी लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में बसते रहे हैं। 1911 में जब ब्रिटिश भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित हुई, तो बड़ी संख्या में बंगाली अधिकारी दिल्ली में बस गए।
अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि हाल के दिनों में दिल्ली और अन्य जगहों पर बंगाली भाषी छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। उनके माता-पिता और उनके परिवारों से पूछताछ की जा रही है। बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए एमसीडी द्वारा एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत गरीब बंगाली छात्रों और उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है।
अधीर रंजन चौधरी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, नादिया, पश्चिमी दिनाजपुर और 24 परगना जिलों से बड़ी संख्या में लोग मजदूरी के लिए दिल्ली और अन्य राज्यों में जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से असली बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने की अपील की, लेकिन पश्चिम बंगाल के किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अभियान से बंगाली भाषी लोगों में डर का माहौल पैदा हो रहा है। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बंगाल के लोगों के खिलाफ कोई अन्यायपूर्ण कार्रवाई न हो।
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जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली पुलिस ने हाल ही में 175 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की है। जांच के दौरान पाया गया कि ये सभी बिना किसी वैध दस्तावेजों के दिल्ली में रह रहे थे। बाहरी दिल्ली में चल रहे इस अभियान में पुलिस ने घर-घर जाकर जांच की और संदिग्ध लोगों से पूछताछ की। इसके बाद 5 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 6 लोगों को भी हिरासत में लिया गया।