हिमाचल में बादल फटने की भारी तबाही (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
Cloud Burst Causes Massive Destruction In Himachal: हिमाचल प्रदेश में लगातार प्राकृतिक आपदा ने अपना कहर बरपा रखा है। अब तक बादल फटने से 241 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। प्रदेश के तीन स्थानों पर बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, जिसमें कुल्लू शिमला और लाहौल-स्पीति शामिल हैं। प्राकृतिक आपदाओं ने प्रदेश का जीवन पूरी तरह से त्रस्त कर रखा है। तीन जगह बादल फटने से भारी क्षति हुई है।
श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से बुधवार शाम कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल की कुर्पन खड्ड का जलस्तर बढ़ने से दोगुड़ा पुल बह गया और बागीपुल बाजार को खाली करवाना पड़ा। शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के पंद्रह बीस क्षेत्र की फांचा पंचायत की नंती खड्ड में बाढ़ आने से चार पुल, दो मकान, पांच दुकानें, दो शेड, सेब के बागीचे व जमीन सभी बह गए।
इस तबाही ने अबतक प्रदेश के सात मकानों, पांच दुकानों, सात शेड व बिजली के छोटे प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचाकर रख दिया है। खड्ड में एक एंबुलेंस व एचआरटीसी की बस फंस गई है और तीन पंचायतों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल के बठाहड़ की तीर्थन नदी में बादल फटने से आई बाढ़ से चार काटेज और तीन से चार वाहन बह गए हैं। इसके बाद भीमड़वारी से बागीपुल तक के क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से तुरंत खाली करवा दिया गया
प्रदेश के चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले में 14 अगस्त को भारी से भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है।
वहीं 15 से 19 अगस्त तक किन्नौर व लाहुल-स्पीति को छोड़ अन्य सभी जिलों के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने का यलो अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। बीते बुधवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में दिनभर बादल छाए रहे। दोपहर बाद शिमला शहर में हल्की वर्षा शुरू हुई और रातभर यह वर्षा होती रही।
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किन्नौर जिले में बीते बुधवार को भारी वर्षा के बाद पूह के ऋषि डोगरी के होजो नाले में बाढ़ आने से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के लिए सड़क बना रही कंपनी का पूरा परिसर जलमग्न हो गया।
जिसके बाद कर्मचारियों ने भाग कर जान बचाई। पूह की उठाऊ जल परियोजना भी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके बाद होजो नाले के मलबे और पानी ने सतलुज नदी का बहाव रोक दिया है। इससे यहां पर नदी में झील बन गई है। इस झील का पानी किन्नौर व शिमला जिले के निचले क्षेत्रों के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
(एजेंसी इनपुट )