जानिए क्या होती है एजिंग डाइट प्लान (सौ.सोशल मीडिया)
जैसा कि, सब जानते हैं अच्छी सेहत के लिए खानपान का अच्छा रहना कितना जरूरी है हमारी नियमित ली जाने वाली पौष्टिक आहार की थाली इतनी संतुलित होना जरूरी है कि, शरीर में तंदरूस्ती के साथ मजबूत प्रदान करें। हमेशा से बड़े-बुजुर्ग एक कहावत कहते आए है कि, ‘जैसा खाओगे अन्न-वैसा होगा मन।’ इसका अर्थ है कि हम जैसा भोजन करते हैं, उसका सीधा असर हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत पर होता है।
इसलिए अगर आप 30-40 की उम्र में हेल्दी डाइट लेते है तो इसका असर आपकी उम्र बढ़ने के साथ 70 की उम्र में देखने के लिए मिलेगा। इसे लेकर एक स्टडी में कहा गया कि, कम उम्र में खानपान को अच्छा रखना चाहिए।
खानपान को लेकर हाल ही में अमेरिकन सोसायटी फॉर न्यूट्रिशन की एक कॉन्फ्रेंस में हार्वर्ड नर्सेज की एक हेल्थ स्टडी और हेल्थ प्रोफेशनल्स का फॉलोअप में बताया गया कि, अगर जो लोग 40 की उम्र तक में हेल्दी डाइट को फॉलो करते है तो 70 की उम्र में उनमें से 84% लोगों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ अनहेल्दी डाइट फॉलो करने वालों की अपेक्षा बेहतर थी वे बिना किसी बीमारी के स्वस्थ जीवन जी रहे थे।
साथ ही स्टडी में यह भी पाया गया कि, हेल्दी एजिंग का मतलब है कि कम-से-कम 70 वर्ष की उम्र तक जीवित रहें और कॉग्निटिव फंक्शन अच्छा हो, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वसाथ्य अच्छा हो। कोई ऑर्गन फेल्योर न हो और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी न हो। जिन लोगों का डाइट पैटर्न हेल्दी था, उनमें से करीब 84% लोगों ने हेल्दी एजिंग का अनुभव किया।
यहां पर हेल्दी एजिंग को अच्छी तरह से समझें तो, इसका अर्थ यह होता है कि, हम शारीरिक या मानसिक रूप से किसी अन्य पर निर्भर न हों। इसके अलावा हम अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हों। अपने फैसले स्वयं ले सकें और समाज में कुछ योगदान दे सकें। इसे ऐसे समझें तो अगर आप अपने बड़े-बुजुर्ग द्वारा बताई गई डाइट का पालन करते है तो आपको किसी भी प्रकार की स्वास्थ समस्याएं नहीं घेरती है। इसके लिए आप इन प्रकार की डाइट को फॉलो कर सकते है।
1- हाइपरइंसुलिनेमिया डाइट- इस डाइट में आप हाइपरइंसुलिनमिया यानि कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च के बिना डाइट तैयार करें। इसे लेने से डायबिटीज और हार्ट डिजीज का जोखिम आपका कम होता है तो वहीं पर आपका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
2-मेडिटेरेनियन डाइट- इस खास डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और ऑलिव को शामिल करते है। इस डाइट को फॉलो करने से एंटी-इंफ्लेमेटरी फायदे हो सकते हैं, जो हमें हार्ट डिजीज से बचा सकते हैं।
3- प्लेनेटरी हेल्थ डाइट- यहां पर इस खास डाइट का आधार ही प्लांट बेस्ड खाना होता है इसमें प्रोटीन की पूर्ति के लिए थोड़ा बहुत मीट या डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करने की भी आजादी होती है। इसे फॉलो करने से हार्ट हेल्थ में सुधार हो सकता है और वेट मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है।
4- डाइटरी अप्रोचेज टू स्टॉप हाइपरटेंशन (DASH) डाइट– इस डाइट की बात की जाए तो, हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रण में लाने के लिए यह डाइट लेनी चाहिए इसमें इस डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स के अधिक सेवन पर जोर दिया गया है।
5- द मेडिटेरेनियन-DASH इंटरवेंशन फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डिले (MIND) डाइट – इस डाइट का अर्थ यह है कि, इसमें आप बेरीज, पत्तेदार साग और नट्स को शामिल करते है तो आपको शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट मिलता है।
6- इंपिरिकल डाइटरी इंफ्लेमेटरी पैटर्न- इस डाइट पैटर्न में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फैटी फिश जैसे एंटी इंफ्लेमेटरी फूड आइटम्स खाने पर जोर दिया जाता है।
आपकी रोजाना की डाइट सभी प्रकार से संतुलित होनी चाहिए जो आपके शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करते है।
1- शरीर में विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति के लिए आप अपनी डाइट में मौसमी सब्जियां और फल को शामिल करें।
2- शरीर में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और जरूरी पोषक तत्व के लिए डाइट में होल ग्रेन्स को शामिल करें।
3- प्रोटीन की पूर्ति के लिए अपनी डाइट में बीन्स, नट्स, फिश और लीन प्रोटीन शामिल कर सकते हैं।
4- हार्ट हेल्थ को अच्छा रखने के लिए आप डाइट में नट्स और सीड्स को शामिल कर सकते है।
5- नियमित पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत रखें, शुगरी ड्रिंक्स से दूरी बनाएं और प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचें।