नीली हल्दी (सौ.सोशल मीडिया)
Benefits of Blue Turmeric Benefits: सर्दियों का मौसम चल रहा है इस मौसम में सेहत से जुड़ी कई बीमारियां बढ़ने लगती है। आयुर्वेद में कई औषधियों के फायदे के बारे में बताया गया है। कहते है कि, आप इन जड़ी-बूटी या औषधि का सेवन करते है तो कई बड़ी बीमारियों के खतरे को टालते है। आपने पीली हल्दी के बारे में सुना होगा, देखा होगा और फायदे बी जानते होंगे लेकिन क्या आपने कभी नीली हल्दी के बारे में जाना है। नीली हल्दी, पीली हल्दी से कैसे अलग होती है और इसके क्या फायदे हो सकते है चलिए जान लेते है इसके बारे में।
यहां पर पीली हल्दी से अलग नीली हल्दी का सेवन करने के फायदे मिलते है। नीली हल्दी की बात की जाए तो, इसे काली हल्दी या करकुमा कैसिया ही कहा जाता है। यह सामान्य हल्दी से औषधीय गुणों में अलग होता है। नीली हल्दी को लेकर बात करें तो, यह बाहर से भूरी और अंदर से नीली-बैंगनी रंग की होती है। इस हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा ज्यादा होती है और कपूर जैसी खुशबू आती है। यह हल्दी दुर्लभ रूप से उगती है इस वजह से इसकी कीमत महंगी होती है।
वहीं पर नीली हल्दी आमतौर पर उत्तर-पूर्वी भारत, केरल के वायनाड और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में उगाई जाती है। बता दें, इसे लेकरा कांग्रेस महिला नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी संसद में एक बार इस नीली हल्दी के फायदों के बारे में बताया है।
कई प्रमाण ऐसे भी है कि, नीली हल्दी का सेवन करने से कैंसर का खतरा टलता है। कहते है कि, नीली हल्दी में करम्यूमिन का लेवल काफी ज्यादा होता है इसे एंटी-कैंसर का गुण कहते है। नीली हल्दी को लेकर लैब स्टडीज में पता चला है कि, यह कैंसर सेल्स की ग्रोथ रोकने में मदद करती है हालांकि, इसे दवा की जगह नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इसे लेकर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट यह भी कहते है कि, नीली हल्दी जोड़ों के दर्द और गठिया में बहुत फायदेमंद है. यह सूजन कम करती है और दर्द से राहत देती है. रोज थोड़ी मात्रा में दूध या पानी के साथ इसे लेने से आर्थराइटिस के मरीजों को आराम मिलता है।
यहां पर अगर आप नीली हल्दी का सेवन करते है तो, इसमें मौजूद गुण फायदेमंद होते है। नीली हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण काफी ज्यादा होते हैं। इसके अलावा इस हल्दी में कपूर, एआर-टर्मेरोन और अन्य आवश्यक तेल पाए जाते है। इस हल्दी का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और सूजन भी कम होती है। इसके अलावा इन दिनों बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह हल्दी का सेवन करने से प्रदूषण के इस दौर में यह फेफड़ों और गले को मजबूत बनाती है।
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यहां पर नीली हल्दी का सेवन कैसे किया जाए इसके बारे में सही तरीका बता रहे है।