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क्या आप भी सर्दियों में टोपी नहीं पहनते? शरीर का तापमान बिगाड़ सकती है कानों से टकराने वाली हवा

Side Effects of Cold Air: सर्दियों में टोपी न पहनना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। कानों से लगने वाली ठंडी हवा शरीर का तापमान तेजी से गिरा सकती है, जिससे सर्दी जुकाम जैसी स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।

  • By प्रीति शर्मा
Updated On: Dec 29, 2025 | 02:25 PM

सर्दी में कान दर्द से परेशान व्यक्ति (सौ. फ्रीपिक)

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Winter Ear Protection: सर्दियों के आते ही मोटी जैकेट से लेकर गर्म कपड़े तक निकल आते हैं लेकिन सिर ढकने से लोग परहेज करते हैं और लोग अपनी सेहत से खिलवाड़ कर बैठते हैं। टोपी पहनना या सिर को कवर करना आज के युवाओं को फैशन में खलल डालने जैसा दिखता है इसलिए वे अक्सर कानों और चेहरे को खुला छोड़ देते हैं।

ऐसे में शरीर के तापमान को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। चिकित्सा विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही मानते हैं कि कानों के जरिए शरीर को लगी ठंड सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।

कान का शरीर से कनेक्शन

कान हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा है जिस पर पड़ने वाली ठंडी हवा शरीर को बीमार कर सकती है और मस्तिष्क और हृदय प्रणाली को प्रभावित कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कान पर किसी तरह की मांसपेशियां या वसा नहीं होती है जो रक्षा कर सके। कान की त्वचा के नीचे तंत्रिकाओं का जाल होता है जिससे सर्द हवा टकराती है तो पूरे शरीर का तापमान हिल जाता है। इससे शरीर को कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।

यह भी पढ़ें:- सर्दियों में गठिया का दर्द बन सकता है मुसीबत, राहत पाने के लिए तुरंत करें ये काम

कानों का सीधा कनेक्शन दिमाग से होता है। कानों पर लगने वाली सर्द हवा मस्तिष्क की नसों को प्रभावित करती है, जिससे सिर में दर्द की परेशानी हो सकती है। दिमाग की नसें उत्तेजित हो जाती हैं और स्थिति खराब होने पर चक्कर और बेहोश भी हो सकते हैं।

लकवा हो सकता है?

कानों की त्वचा के पीछे फेशियल नर्व होती हैं जो चेहरे के रक्त का संचार करती हैं। अगर कान के पीछे सीधी सर्द हवा तेजी से टकराती है तो फेशियल नर्व पर सूजन आ सकती है जो चेहरे के लकवे का कारण भी बन सकती है। ये एक तरह का अस्थायी लकवा हो सकता है जिससे चेहरा या जबड़ा अटक जाता है।

कानों को ढकना है जरूरी

वहीं आयुर्वेद का मानना है कि कानों का संबंध वात दोष और पाचन से भी होता है। कानों पर सर्द हवाएं लगने से पेट संबंधी परेशानी हो सकती है, जैसे पेट में गैस, मरोड़ और अपच की समस्या। जिन लोगों को बीपी की समस्या रहती है उनके कानों को जरूर ढकना चाहिए। क्योंकि कानों जरिए शरीर को लगी सर्दी नसों को संकुचित कर सकती है। जिससे रक्त वाहिनियों में दबाव बढ़ जाता है।

सर्दियों में हमेशा कानों को कवर करके रखें और रात के समय हल्के गुनगुने तेल से कान के पीछे की त्वचा पर मालिश करें। यह तंत्रिका तंत्र को स्थिर रखने में सहायता करती है।

Health risks of not covering ears in winter health tips

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Published On: Dec 29, 2025 | 02:25 PM

Topics:  

  • Health News
  • Health Tips
  • Winter Season Tips

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